KNEWS DESK – प्रयागराज में जारी महाकुंभ का आयोजन लाखों श्रद्धालुओं के लिए आस्था और भक्ति का केंद्र बना हुआ है। लेकिन इस बार महाकुंभ धार्मिक आयोजन के साथ विवादों का केंद्र भी बन गया है। अभिनेत्री ममता कुलकर्णी के किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनने पर किन्नर समाज और साधु-संतों के बीच भारी असंतोष फैल गया है।
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किन्नर अखाड़े के फैसले पर विवाद
ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाए जाने को लेकर साधु-संतों और किन्नर समाज में गहरी नाराजगी है। शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने इसे सनातन धर्म की परंपरा के खिलाफ बताते हुए कहा कि ममता कुलकर्णी पर गंभीर आरोप हैं, जिनकी जांच के बिना उन्हें महामंडलेश्वर बनाना धर्म का अपमान है। उन्होंने किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर सनातन धर्म को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है।
महिला अखाड़ा भी नाराज
महिला अखाड़े की किन्नर जगद्गुरु हिमांगी सखी ने इस फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है। उन्होंने सवाल उठाया कि गैर-किन्नर ममता कुलकर्णी को किन्नर समाज का महामंडलेश्वर कैसे बनाया जा सकता है। हिमांगी सखी ने कहा, “यह अखाड़ा किन्नर समाज के लिए बना है, ऐसे में किसी गैर-किन्नर को महामंडलेश्वर बनाना अनुचित और परंपरा के खिलाफ है।”
ममता कुलकर्णी की पृष्ठभूमि पर सवाल
धार्मिक परंपराओं के अनुसार, महामंडलेश्वर बनने के लिए कई विधियों और परंपराओं का पालन करना अनिवार्य है। हिमांगी सखी ने आरोप लगाया कि ममता कुलकर्णी का पूर्ण मुंडन और पिंडदान नहीं किया गया, जो इस पद के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं का हिस्सा है। उन्होंने किन्नर अखाड़े से इन सवालों का जवाब देने की मांग की है।
धर्मगुरुओं की मांग
धर्मगुरुओं ने इस मामले को गंभीर बताते हुए किन्नर अखाड़े से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह के कदम सनातन धर्म की परंपराओं को कमजोर कर सकते हैं। अब यह देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल होने के बाद इस विवाद का समाधान कैसे होता है।