KNEWS DESK, मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का दुनिया में अनोखे अंदाज में स्वागत हुआ था। जिससे जुड़ा किस्सा उन्होंने खुद कुछ सालों पहले सुनाया था। जो काफी दिलचस्प है।
मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का इस दुनिया में स्वागत एक अनोखे अंदाज में हुआ था। करीब आठ साल पहले, जाकिर हुसैन ने खुद इस बारे में बताया था। उन्होंने कहा था कि कैसे उनके पिता अल्ला रक्खा ने संगीत की लय उनके कानों में सुनाकर इस दुनिया में उनका स्वागत किया। हुसैन ने बताया “मुझे घर लाया गया और मेरे पिता की गोद में दिया गया। परंपरा ये थी कि पिता को बच्चे के कान में प्रेयर करनी होती थी, बच्चे का स्वागत करना होता था और कुछ अच्छे शब्द बोलने होते थे। उन्होंने मुझे गोद में लेकर मेरे कानों में तबले की लय सुनाई। मेरी मां गुस्से में थीं। वो बोलीं, क्या कर रहे हो? आपको पता है क्या करना है, लय नहीं सुनानी।”
हुसैन ने आगे बताया, “पिता ने कहा कि मैं इसी तरह प्रार्थना करता हूं। मैं देवी सरस्वती और भगवान गणेश का उपासक हूं। ये एक कट्टर मुस्लिम की बातचीत थी। उन्होंने कहा कि ये ज्ञान उन्हें अपने शिक्षकों से मिला है और वो इसे अपने बेटे को देना चाहते हैं।” पिता अल्ला रक्खा एक कुशल तबला वादक थे और प्रतिष्ठित सितार वादक पंडित रविशंकर के साथ अक्सर संगीत देते थे।
बता दें कि नौ मार्च 1951 को मुंबई में जन्मे उस्ताद जाकिर हुसैन को 1988 में पद्मश्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है। वहीं मुंबई में जन्मे जाकिर हुसैन का सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस की वजह से निधन हो गया। उनके परिवार ने इसकी पुष्टि करते हुए यह जानकारी लोगों को दी।