KNEWS DESK – भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी की अनुभवी यामिनी कृष्णमूर्ति का लम्बी बीमारी के बाद शनिवार को अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। वे 84 साल की थीं। यामिनी कृष्णमूर्ति की मौत की खबर से इंडस्ट्री में मातम छाया हुआ है।
उम्र संबंधी समस्याओं से थीं पीड़ित
आपको बता दें कि मशहूर भरतनाट्यम कलाकार यामिनी कृष्णमूर्ति का 3 अगस्त को 84 साल की उम्र में निधन हो गया। वो काफी लंबे समय से बीमारी से जूझ रही थीं| आखिरकार उन्होंने आज दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। कृष्णमूर्ति के प्रबंधक और सचिव गणेश ने मीडिया को बताया कि वे उम्र संबंधी समस्याओं से पीड़ित थीं और पिछले सात महीनों से आईसीयू में थीं। यामिनी कृष्णमूर्ति के अंतिम संस्कार किए जाने को लेकर अभी जानकारी नहीं मिल पाई है।
पांच साल की उम्र में नृत्य करना कर दिया शुरू
कृष्णमूर्ति के परिवार में दो बहनें हैं। 20 दिसंबर, 1940 को आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के मदनपल्ली में संस्कृत स्कोलर एम. कृष्णमूर्ति के घर जन्मी। उन्होंने प्रसिद्ध भरतनाट्यम नर्तक रुक्मिणी देवी अरुंडेल की देख रेख में चेन्नई के कलाक्षेत्र स्कूल ऑफ डांस में पांच साल की उम्र में नृत्य करना शुरू कर दिया। कुचिपुड़ी के रूप में भी कुशल, कृष्णमूर्ति ने पंकज चरण दास और केलुचरण महापात्र जैसे लोगों से ओडिसी सीखकर अपने आपको को और निखारा।
बता दें कि अलग-अलग नृत्य शैलियों को सीखने के अलावा, कृष्णमूर्ति को कर्नाटक गायन और वीणा में ट्रेनड किया गया था। कृष्णमूर्ति को 1968 में 28 साल की छोटी उम्र में पद्म श्री, 2001 में पद्म भूषण और 2016 में पद्म विभूषण से नवाजा गया। उन्हें 1977 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।