KNEWS DESK – कन्नड़ सिनेमा के सुपरस्टार दर्शन थुगूदीपा को कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को रेणुकास्वामी हत्याकांड में छह हफ्ते की अंतरिम जमानत प्रदान की है। यह जमानत दर्शन के मेडिकल उपचार, विशेष रूप से उनकी रीढ़ की हड्डी की सर्जरी के लिए दी गई है, जिसे उनके वकील द्वारा कोर्ट से अनुमति मांगी गई थी। हाईकोर्ट ने उनकी मेडिकल रिपोर्ट का गहन परीक्षण करने के बाद यह निर्णय लिया।
मेडिकल आधार पर अदालत का निर्णय
फिलहाल दर्शन कर्नाटक के बल्लारी जेल में बंद हैं। चार महीने पहले उन्हें रेणुकास्वामी हत्या मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर गिरफ्तार किया गया था। 21 अक्टूबर को अचानक पीठ दर्द की समस्या होने के बाद उन्हें विजयनगर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में जांच के लिए ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी रीढ़ की हड्डी की सर्जरी कराने की सलाह दी। अदालत में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके गंभीर स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए अदालत ने छह हफ्ते की जमानत दी।
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आरोप और मुकदमे का घटनाक्रम
दर्शन पर आरोप है कि उन्होंने अपने एक प्रशंसक, रेणुकास्वामी, की हत्या के मामले में सबूत मिटाने और गवाहों के साथ छेड़छाड़ के लिए पैसे का इस्तेमाल किया। जांच के दौरान दर्शन ने माना कि उन्होंने रेणुकास्वामी को प्रताड़ित किया था, और पुलिस को दिए बयान में कहा कि उन्होंने रेणुकास्वामी पर पेड़ की एक शाखा से हमला किया और उनके सिर, छाती और गर्दन पर लात मारी। चार्जशीट के अनुसार, उन्होंने अपने कुछ प्रशंसकों से कहा था कि वे रेणुकास्वामी का अपहरण कर उसे सबक सिखाएं।
फैसले का विरोध और सरकारी पक्ष का तर्क
दर्शन को जमानत देने के फैसले का सरकारी वकील ने विरोध किया। सरकारी वकील ने तर्क दिया कि दर्शन की सर्जरी सरकारी अस्पताल में भी कराई जा सकती है और यह जरूरी नहीं कि उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया जाए। न्यायमूर्ति एस विश्वजीत शेट्टी ने सरकारी पक्ष से पूछा कि सर्जरी के लिए मैसूर का विकल्प क्यों चुना गया है। सरकारी वकील ने यह भी सुझाव दिया कि दर्शन का स्वास्थ्य परीक्षण राज्य द्वारा नियुक्त मेडिकल बोर्ड द्वारा किया जाना चाहिए।
मामले में अन्य आरोपी
इस मामले में एक और आरोपी पवित्रा गौड़ा अभी भी जेल में हैं। मामले की शुरुआत तब हुई जब रेणुकास्वामी, जो दर्शन के प्रशंसक माने जाते थे, ने कथित तौर पर उन्हें गलत टिप्पणियां और मैसेज भेजे थे। इस वजह से गौड़ा के लिव-इन पार्टनर दर्शन नाराज हो गए और मामले ने खतरनाक रूप ले लिया। रेणुकास्वामी का शव जून में बेंगलुरु के एक नाले में पाया गया था, जिसके बाद मामले की जांच शुरू की गई।