‘बिग बॉस 18’: दिग्विजय राठी की गेम प्लानिंग ने खोली पोल, असली चेहरा हुआ बेनकाब

KNEWS DESK – रियलिटी शो ‘बिग बॉस 18’ में हर दिन नए ट्विस्ट और टर्न्स देखने को मिल रहे हैं। कंटेस्टेंट्स की रणनीतियां, दोस्तियां और दुश्मनियां दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बनी रहती हैं। लेकिन इस हफ्ते, शो के वाइल्ड कार्ड एंट्री दिग्विजय सिंह राठी ने अपनी चालों से पूरे घर में हलचल मचा दी है। फराह खान के वीकेंड का वार पर खुलासे के बाद, दिग्विजय की असली रणनीतियां और उनके गेम की पोल खुल गई है।

दिमाग से खेल रहे हैं, दिल से नहीं

‘बिग बॉस’ में अक्सर दिल से खेला गया खेल दर्शकों का दिल जीत लेता है, लेकिन दिग्विजय सिंह राठी पूरी तरह दिमाग से खेलते नजर आ रहे हैं। हाल ही में फराह खान ने वीकेंड का वार पर इस बात को उजागर किया कि दिग्विजय अपने हर फैसले में कैलकुलेशन करते हैं। उन्होंने करण वीर मेहरा को यह समझाने की कोशिश की कि उन्हें दिमाग लगाकर खेलना चाहिए, लेकिन फराह ने करण की साइड लेते हुए कहा कि दिल से खेला गया गेम ज्यादा सच्चा होता है।

दुश्मन के दुश्मन से दोस्ती

दिग्विजय की दोस्ती और दुश्मनी का खेल भी सवालों के घेरे में है। उन्होंने करण वीर मेहरा से गहरी दोस्ती की है, लेकिन यह दोस्ती व्यक्तिगत भावना से ज्यादा रणनीति का हिस्सा है। दरअसल, करण के दुश्मन विवियन डीसेना और अविनाश मिश्रा, दिग्विजय के भी निशाने पर हैं। यही वजह है कि दिग्विजय ने करण से दोस्ती कर अपना समीकरण सेट कर लिया।

सभी झगड़ों की जड़

फराह खान ने शो में यह साफ कर दिया कि जहां-जहां झगड़े और विवाद होते हैं, वहां दिग्विजय का नाम जरूर शामिल होता है। पहले दर्शकों को ऐसा लगता था कि दिग्विजय विक्टिम हैं, लेकिन अब यह साफ हो गया है कि वह खुद हर झगड़े की शुरुआत करते हैं और बाद में विक्टिम कार्ड खेलते हैं।

पुरानी दुश्मनी का बदला

दिग्विजय अपनी पुरानी दुश्मनी को भी शो में घसीट रहे हैं। उनकी और कशिश कपूर की दुश्मनी स्प्लिट्सविला के समय से चली आ रही है। कशिश कई बार दिग्विजय का समर्थन कर चुकी हैं, लेकिन दिग्विजय ने उनके खिलाफ साजिश रचते हुए उन्हें शो से बाहर करने की कोशिश की।

दोस्त की पीठ में छुरा घोंपा

दिग्विजय की एंट्री के समय, उन्होंने रजत दलाल को अपना सबसे अच्छा दोस्त और भाई बताया था। लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने रजत का इस्तेमाल कर अपनी पोजिशन मजबूत की। जैसे ही उनका काम पूरा हुआ, उन्होंने रजत को छोड़कर करण के साथ हाथ मिला लिया।