KNEWS DESK- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के तहत छात्रों के साथ संवाद किया और उन्हें परीक्षा से जुड़ी चिंता और तनाव को दूर करने के महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इस अवसर पर उन्होंने छात्रों के साथ सुंदर नर्सरी में एक पेड़ भी लगाया। उन्होंने बताया कि पेड़ों को लंबे समय तक कम पानी में जीवित रखने के लिए उनके पास एक मिट्टी का मटका लगाना चाहिए, जिसमें महीने में एक बार पानी डालने से पेड़ की अच्छी वृद्धि होगी।
कार्यक्रम के दौरान, एक छात्र ने प्रधानमंत्री से परीक्षा में पेपर छूट जाने के डर को लेकर सवाल किया। इस पर प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि छात्रों को पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों को हल करना चाहिए। इससे वे परीक्षा पैटर्न से परिचित होंगे और उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों को केवल महत्वपूर्ण प्रश्नों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और अध्ययन के दौरान छोटे-छोटे लक्ष्य बनाकर खुद को प्रेरित करना चाहिए। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के बाद स्वयं को रिवॉर्ड देना भी आत्म-प्रेरणा का एक अच्छा तरीका है।
प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को यह भी समझाया कि कक्षा 10 और 12 के लगभग 40-50 प्रतिशत छात्र असफल होते हैं, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि यही उनके जीवन का अंतिम पड़ाव है। उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता और असफलता के बीच संतुलन बनाना जरूरी है। उदाहरण के रूप में, उन्होंने क्रिकेट खिलाड़ियों का जिक्र किया, जो हर दिन अपनी गलतियों की समीक्षा कर उन्हें सुधारने का प्रयास करते हैं। छात्रों को भी इसी दृष्टिकोण को अपनाने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि परीक्षा के अंक किसी छात्र के संपूर्ण व्यक्तित्व को नहीं दर्शाते, बल्कि यह केवल उनके वर्तमान शैक्षणिक प्रदर्शन को दर्शाते हैं। इसलिए, छात्रों को परीक्षा को लेकर अनावश्यक तनाव नहीं लेना चाहिए और अपने आत्मविश्वास को बनाए रखना चाहिए। इस प्रकार, प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को परीक्षा के डर से मुक्त होकर, आत्मविश्वास और सकारात्मकता के साथ तैयारी करने के लिए प्रेरित किया।
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