KNEWS DESK- देश में UPSC की कोचिंग संस्कृति को नई दिशा देने वाले प्रतिष्ठित शिक्षक और वाजीराम एंड रवि कोचिंग संस्थान के निदेशक पी. एस. रवींद्रन का 23 अगस्त को निधन हो गया। उनके निधन से न सिर्फ सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे लाखों छात्रों में शोक की लहर है, बल्कि देशभर के प्रशासनिक अधिकारियों और शिक्षा जगत ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने भी उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि, “पी. एस. रवींद्रन ने पिछले 40 वर्षों में हजारों युवाओं के जीवन को बदल दिया। उनकी शिक्षण शैली और मार्गदर्शन से कई आईएएस अधिकारी निकले, जिनमें तमिलनाडु सरकार में कार्यरत कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। उनका जाना हम सभी के लिए एक बड़ी क्षति है।”
वाजीराम एंड रवि कोचिंग संस्थान की स्थापना फरवरी 1976 में प्रोफेसर पी. वेलायुथम ने की थी। हालांकि, इसे देश का अग्रणी UPSC कोचिंग संस्थान बनाने में सबसे बड़ा योगदान पी. एस. रवींद्रन का रहा। उन्हें अक्सर “UPSC कोचिंग का जनक” भी कहा जाता है। उन्होंने न सिर्फ विद्यार्थियों को पढ़ाया, बल्कि उन्हें विचारशील, संवेदनशील और जवाबदेह अफसर बनने की प्रेरणा भी दी। उनकी कोचिंग से अब तक 5000 से अधिक उम्मीदवारों का चयन IAS, IPS, IFS और अन्य सिविल सेवाओं में हो चुका है।
पी. एस. रवींद्रन सिर्फ एक शिक्षक नहीं थे, वे एक दृष्टा और समाज निर्माता थे। वे हर छात्र में एक संभावित प्रशासक देखते थे और उन्हें उसी दृष्टिकोण से तैयार करते थे।
उनकी शिक्षा की बात करें तो उन्होंने MA और LLB की डिग्रियां हासिल की थीं। वे एक पढ़े-लिखे, गहराई से सोचने वाले व्यक्ति थे जो छात्रों की सोच और दृष्टिकोण को निखारने पर विश्वास रखते थे।
बहुत कम लोग जानते हैं कि पी. एस. रवींद्रन का एक मजबूत राजनीतिक पक्ष भी था। वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के नेता रह चुके थे और केरल विधानसभा के सदस्य भी। वे केरल में उद्योग, श्रम और वन मंत्री के रूप में भी सेवा कर चुके हैं।
साथ ही, वे CPI विधायक दल के सचिव के रूप में भी सक्रिय रहे और पार्टी के कार्यकर्ता-निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनके लिए UPSC उम्मीदवारों का चयन केवल एक परीक्षा पास कराने तक सीमित नहीं था। वे संवेदनशील और उत्तरदायी प्रशासन की नींव रखने में विश्वास रखते थे। उनके पढ़ाए कई छात्र आज केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य प्रशासन, विदेश सेवा और पुलिस सेवा में उच्च पदों पर कार्यरत हैं।