ऑनलाइन गेमिंग ठगीः कम उम्र के युवक बने ठग, ज्यादा कमाई का लालच दे करते थे ठगी, गिरफ्तार किए गए 15 ठग

डिजिटल डेस्क- ज्यादा कमाई लखनऊ पुलिस ने एक ऐसे अन्तरर्राज्यीय संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है जो ऑनलाइन गेम और लिंक के जरिए मोटी रकम का लालच देकर ठगी करते थे। ज्यादा कमाई के चक्कर में लोग बड़ी संख्या में इनका शिकार बने हैं। लंबे समय से संचालित इस गिरोह का खुलासा डीसीपी क्राइम कमलेश दीक्षित ने लखनऊ मे प्रेस कांफ्रेंस करके किया गया। डीसीपी क्राइम ने बताया की अन्ना रेड्डी, फेयर प्ले तथा 99 एक्सचेंज नामक फर्जी गेम्स और लिंक के जरिए साइबर धोखाधड़ी और ऑनलाइन जुआ चलाने व साइबर ठगी करने वाले एक बड़े अन्तरर्राज्यीय संगठित गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 15 शातिर जालसाज अभियुक्तों को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है।

किराये के फ्लैट में चला रहे थे रैकेट

उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम पुलिस की टीम की मदद से सुल्तानपुर रोड के पास अहिमामऊ चौराहा के फ्रेंड्स कॉलोनी (लूलू मॉल के सामने) किराये के फ्लैट में 15 शातिर जालसाज को गिरफ्तार किया गया हैं जिनके पास से लैपटॉप, मोबाइल, डेबिट कार्ड, सिम कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, चेक बुक एवं पासबुक एवं POS मशीन बरामद की हैं। पुलिस टीम द्वारा पूछताछ की गई पूछताछ में सभी अभियुक्तों ने स्वीकार किया कि वे साइबर ठगी में लिप्त हैं। उन्होंने बताया कि अन्ना रेड्डी, फेयर प्ले तथा 99 एक्सचेंज जैसे फर्जी लिंक के माध्यम से वे उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न राज्यों के नागरिकों से गेमिंग के नाम पर संपर्क कर उन्हें अपने जाल में फंसा लेते हैं तथा उनके खातों में पैसा जमा कराकर उसे ठगी के माध्यम से अपने फर्जी खातों में ट्रांसफर कर लेते हैं।

अधिक लाभ कमाने का देते थे झांसा

पुलिस ने बताया उनका सरगना राजा सिंह उर्फ राजा भैया तथा गनी उर्फ़ विशाल यादव है जो सोशल मीडिया व कॉल्स के माध्यम से लोगों को गेमिंग/सट्टा में अधिक लाभ का झांसा देकर ठगी करते है। जमा की गई राशि को अन्य फर्जी खातों में ट्रांसफर कर निकाल लिया जाता है और कुछ दिनों बाद मोबाइल, सिम कार्ड और लैपटॉप को नष्ट कर स्थान बदल दिया करते थे। साइबर टीम द्वारा साइबर पोर्टल, बरामद मोबाइल, पासबुक तथा चेक बुक के विश्लेषण से अब तक कुल 44 साइबर ठगी की शिकायतें विभिन्न राज्यों में आमजन द्वारा दर्ज कराई गई थी जिसके आधार पर इसरो का भंडाफोड़ किया गया है।

कम उम्र के हैं जालसाज

प्राप्त शिकायतें विभिन्न राज्यों से संबंधित हैं और उनसे जुड़े मुकदमों की जानकारी प्राप्त की जा रही है अभियुक्तों द्वारा उपयोग किए गए खातों में करोड़ों रुपए का लेन-देन हुआ है।वही आपको बताते चले की यह जालसाज बहुत ही कम उम्र के हैं और हाई स्कूल है तो कोई इंटर पास है तो कोई कम पढ़ा लिखा है जो अच्छे खासे पढ़े लिखो को चुना लगाते थे।