KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश में सरकार कानून व्यवस्था दुरुस्त करने में लाख कोशिशें करें लेकिन कुछ नुमाइंदे सरकार की जीरो ट्रॉलेंस की नीति को धब्बा लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं, ऐसा ही एक मामला संभल जिले के रजपुरा सीएचसी से सामने आया है,जहां एक महिला चिकित्सक ने रजपुरा सीएचसी चिकित्सा प्रभारी समेत तीन लोगों पर अस्पताल के कार्य का दबाव बनाकर शारीरिक शोषण व मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है, जिसकी शिकायत पीड़िता ने जिले के अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल और महिला आयोग से भी की है, लेकिन पीड़िता का आरोप है कि लगभग एक महा बीत जाने के बावजूद अभी उसे न्याय नहीं मिला है जिसके लिए पीड़िता अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगा रही है।
साथ ही पीड़िता का कहना है कि उसे बार-बार बयान के लिए बुलाया जाता है लेकिन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। हालांकि इसमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ तरुण पाठक ने चार सदस्य टीम गठित कर जांच को आगे बढ़ा दिया है जिसमें टीम ने पीड़िता समेत आरोपियों के बयान दर्ज किए है, वही पीड़िता का आरोप है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरोपियों का ही पक्ष लेकर उसे डांट फटकार रहे हैं जिससे पीड़िता को उनसे न्याय की उम्मीद नहीं है वही पीड़िता लगातार आरोपियों पर कार्रवाई की मांगकर रही है, हालांकि सीएमओ ने मुख्य आरोपी सीएससी प्रभारी का दूसरी जगह स्थानांतरण कर दिया है,वहीं सूत्रों की मानें तो इस पूरे मामले में आरोपियों पर बड़ी कार्यवाही हो सकती है।
पूर्व में भी कई पुरूष डाक्टरों पर लगे है आरोप
AIIMS, दिल्ली की घटना (2018)
AIIMS की एक रेज़िडेंट महिला डॉक्टर ने एक वरिष्ठ पुरुष डॉक्टर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। पीड़िता ने आरोप लगाया कि आरोपी डॉक्टर ने उसे बार-बार अनुचित तरीके से छूने की कोशिश की और अश्लील मैसेज भेजे। इस मामले की जांच के लिए विशेष कमेटी बनाई गई थी।
त्रिवेंद्रम मेडिकल कॉलेज (2020)
यहाँ एक इंटर्न डॉक्टर ने अपने सीनियर पर शोषण का आरोप लगाया। मामले ने तूल पकड़ा और मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टरों के लिए सुरक्षित वातावरण की माँग तेज़ हो गई।
भोपाल – हमीदिया अस्पताल (2021)
यहाँ एक जूनियर डॉक्टर ने वरिष्ठ डॉक्टर पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा कि उसने न केवल कार्यस्थल पर प्रताड़ित किया, बल्कि उसके करियर को भी नुकसान पहुंचाने की धमकी दी।