उमेश हत्याकांड के 51 दिन के अंदर ही अतीक अहमद का हुआ खात्मा,डॉन ब्रदर की गोली मारकर हत्या

केन्यूज डेस्क:जिस अतीक अहमद के खौफ से प्रयागराज और यूपी के कई शहरों में लोग उसके नाम से घबराते थे,जिस अतीक अहमद ने गोली की गड़गड़ाहत से ने जाने कितनों को मौत के घाट उतारा होगा उसी अतीक को आज खुद गोली मारकर हत्या कर दी गई.बीते 24फरवरी 2023 को प्रयागराज में दिन दहाड़े राजू पाल के गवाह उमेश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.जिसके बाद से ही अतीक व उसके परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही थीं.लेकिन बीते 51 दिन अतीक के जिंदगी के सबसे भारी दिनों में रहें.दो बार वह साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया.जहां उसको उमेश पाल के अपहरण के मामले में उम्रकैद की सजा हुई.वहीं बीते 14 अप्रैल2023 को झांसी में पुलिस एनकाउंटर में पुलिस ने शूटर गुलाम व अतीक के बेटे असद को मार गिराया.वहीं अतीक 4 दिन की पुलिस रिमांड पर था.शनिवार देर रात मेडिकल कराने गए पुलिस कस्टडी में गोली मारकर हत्या कर दी गई.

320 गाड़ियों का काफिलें के साथ पहुंचा था कानपुर

आपको बता दें कि 2016 में जब सपा में आपसी खींचातानी चल रही थी,और अगले साल  2017 में यूपी विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होता है और सपा उसमें कानपुर से कैंट विधानसभा से अतीक अहमद को उम्मीदवार घोषित किया था.जिसके बाद 14 दिसंबर को अतीक अपने समर्थकों के साथ करीब 320 गाड़ियों का काफिला लेकर प्रयागराज से कानपुर पहुंचा था.वहीं अतीक खुद 80लाख की कार पर सवार था.वहीं अतीक के काफिले में 150 फॉर्च्यूनर कार,100सफारी स्टॉर्म व 70 अन्य कारें शामिल थी.उसके स्वागत के लिए प्रवेश द्वार बनाया गया था और जगह-जगह चौराहों पर उसके स्वागत के लिए इंतजाम किए गए थे.

अतीक के इस काफिले में रास्ता जाम होनें की वजह से जनता को काफी परेशान होना पड़ा था.जिसके बाद मीडिया में हल्ला मचा.वहीं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बनने के बाद उन्होंने साफ कर  दिया कि अतीक अहमद की पार्टी में कोई जगह नहीं है.और वहीं शियाट्स मामले में हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस को फटकार लगाते हुए अतीक को गिरफ्तार कर लिया गया.

वहीं 2017 में चुनाव में गिरफ्तार होने के बाद अतीक जेल में बैठ कर अखिलेश यादव को चुनौती देते हुए कहा था,’कई बार निर्दलीय जीता हूं,टिकट कटता है तो कट जाए,मैं अपना टिकट खुद बना लूंगा’.

 

 

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