प्रयागराज, प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी असद अहमद को अंतिम विदाई प्रयागराज में दी गई.असद को प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रस्तिान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया.अंतिम संस्कार में करीबी रिश्तेदार करीब25 से 30 लोग शामिल हुए.वहीं इस दौरान उसकी बुआ समेत परिवार के कुछ अन्य लोग मौजूद रहे.पुलिस की कड़ी सुरक्षा में उसको सुपुर्द-ए-खाक किया गया.वहीं सुरक्षा की दृष्टि से ड्रोन कैमरे से निगरानी रखी गई.और कब्रिस्तान से कुछ दूर पहले ही मीडिया को रोक दिया गया था.वहीं बीते कुछ दिन पहले ही एक एनकाउंटर में पुलिस ने असद व गुलाम को मार गिराया था.
अतीक अहमद के वकील ने बताया
असद के अंतिम संस्कार के बाद अतीक अहमद के वकील विजय मिश्रा ने कहा कि कोर्ट के समय के पहले asad के शव को सुपुर्द-ए-ख़ाक कर दिया गया इसलिए कोर्ट में अर्ज़ी नहीं लग सकी. हमारी मांग थी कि अतीक अहमद को असद के ज़नाजे में शामिल किया जाए. शाइस्ता परवीन यहां मौजूद नहीं थीं. शासन प्रशासन ने अंतिम प्रक्रिया कराने में सहयोग किया और किसी को एतराज़ नहीं है.
वहीं एनकाउंटर में मारे गए असद और गुलाम के शव को झांसी से प्रयागराज लाया गया था.दोनों के शव को लेने देर शाम उनके परिजन झांसी पहुंचे थे.असद का शव लेने उसके फूफा उस्मान व गुलाम का शव लेने उसका साला नूर आलम पहुंचा था.असद का शव उसके घर न ले जाकर सीधे कब्रिस्तान ले जाया गया और वहीं उसको सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया.
असद को आखिरी बार भी न देख पाई शाइस्ता परवीन
अतीक अहमद ने अपने बेटे के अंतीम संस्कार में शामिल होने की अर्जी दी थी.लेकिन कोर्ट का समय शुरु होने से पहले ही उसका अंतिम संस्कार शुरु कर दिया.वहीं अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन भी अपने बेटे को अंतिम बार न देख सकी न ही विदाई दे सकी.बता दें कि गुरुवार को झांसी में यूपी एसटीएफ ने असद और गुलाम को एनकाउंटर में मार गिराया था.असद उमेश पाल हत्याकांड का मुख्य आरोपी था.क्योंकि उमेश पाल विधायक राजू पाल हत्याकांड में मुख्य गवाह था.