KNEWS DESK – कानपुर। अलीगढ़ की गरीब प्रतिभा रिंकू सिंह के शुरुआती दिनों की याद है ना, कुछ वैसी ही कहानी गुदड़ी में ढूंढे गए एक और लाल सहारनपुर के मोहम्मद अमान की है। दोनों बल्लेबाजों को यूपीसीए ने ढूंढा और फिर तराशा और क्रिकेट के शीर्ष तक पहुंचाया। रिंकू आज टीम इंडिया के स्टार क्रिकेटर हैं, जबकि 18 साल के मो. अमान में रिंकू सिंह का कल और आज दोनों नजर आ रहा है।
मो. अमान अब धूल में पड़े हीरे नहीं रहे, वे गर्दिश की धूल झाड़कर किसी जोहरी की दुकान के शो रूम में पहुंच चुके हैं। वैसे भी भारतीय क्रिकेट में रातों रात फकीर से राजा बनने की कहानियां भरी पड़ी हैं, उसी की एक और कहानी बनने जा रहे हैं मो. अमान। एशिया कप के लिए भारतीय टीम के नेतृत्व की जिम्मेदारी इसी प्रतिभावान बल्लेबाज मो. अमान के कंधों पर है। इस होनहार बल्लेबाज की कहानी भी किसी ट्रेजडी फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं है, जिसके पात्र को अपने प्रिय खेल के अपने छोटे से सफर के दौरान न जाने कितनी तकलीफें झेलनी पड़ी हैं।
अमान में क्रिकेट की प्रतिभा तो थी लेकिन उसे पोसने वाला कोई न था। कहते हैं कि जब इंसान की परीक्षा होती है तो उस पर तमाम तरह के संकट भी आते हैं। अमान ने अपने माता-पिता केवल दो साल के अंदर खो दिए। मां साहबा को 2020 में कोरोना ले गया और उसके दो साल बाद पिता मेहताब भी लम्बी बीमारी के बाद साथ छोड़ कर चले गए।
परिवार पर अचानक आए इस संकट ने अमान को तोड़कर रख दिया। उसका ध्यान क्रिकेट से हटकर घर बचाने पर केंद्रित हो गया। पिता ट्रक ड्राइवर थे लेकिन कोरोना काल में उनका काम भी छिन चुका था। जो थोड़ा बहुत पैसा था वो माता-पिता के इलाज में खत्म हो गया। अमान ने नौकरियां तलाशी लेकिन कहीं कोई ढंग का काम नहीं मिला। कभी कपड़े की दुकान पर बैठता तो कभी अपने पिता का काम ही अपनाने की सोचता।
इस मिडिल ऑर्डर बैट्समैन का खेल पीछे छूटता जा रहा था। सिर्फ 16 साल की उम्र में सिर से मां-बाप का साया उठा तो जमाने की ठोंकरें भी पड़ने लगीं। लेकिन कहते हैं ना कि जिसका ऊपर वाला सब कुछ ले लेता है उसकी मदद भी वही करता है। ऐसा ही इस लड़के के साथ हुआ। जब क्रिकेट छूट रहा था तभी यूपीसीए की उस पर नजर पड़ी और इस डूबते बच्चे को तिनके का सहारा मिल गया। यूपीसीए ने जब अमान की बल्लेबाजी को तराशा तो गर्दिश में डूबता-उतराता एक सितारा चमक उठा। यही अमान की जिंदगी और क्रिकेट करियर का टर्निंग प्वाइंट भी बना।
यूपीसीए ने उसे नि:शुल्क कोचिंग दिलवाई और उसकी किट और रहने-खाने का भी इंतजाम किया। यूपीसीए को अपना खुदा मानने वाले इस युवा खिलाड़ी को मानो अब सब कुछ मिल गया हो। अमान को जब सुविधाएं मिलीं तो उसका खेल भी और सितारे एक साथ चमक उठे। इसी साल उसका चयन भारत की अंडर-19 टीम में हुआ तो बुधवार को अंडर-19 एशिया कप में भारतीय टीम की कप्तानी भी मिल गई। खास बात यह है कि एशिया कप में मो. अमान की टीम की पहली परीक्षा ही भारत के कट्टर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ है।
यूपीसीए की मीडिया कमेटी के चेयरमैन डॉ. संजय कपूर ने मोहम्मद अमान को भारतीय टीम की कप्तानी सौंपे जाने को इसे यूपी क्रिकेट की सफलता बताया है। उन्होंने कहा कि यूपीसीए क्रिकेटरों के विकास के लिए भविष्य में भी ऐसे खिलाड़ियों को ढूंढकर तराशता रहेगा, जिनके पास टैलेंट के अलावा कुछ नहीं है। डॉ. कपूर ने कहा कि मो. अमान ने फर्श से अर्श तक का यह सफर उस यूपीसीए की बदौलत दो-तीन सालों के अंदर ही तय कर डाला है जिस पर चयन में वसूली और भेदभाव के आरोप लगाए जाते रहे हैं। अब हैरान होने की बारी उन लोगों की है जो हम पर उंगली उठाते हैं।
50 ओवर का यह टूर्नामेंट इस महीने के अंत में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित किया जाएगा। भारत को ग्रुप ए में पाकिस्तान, जापान और मेजबान देश यूएई के साथ रखा गया है। ग्रुप बी में श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और नेपाल शामिल हैं। भारत टूर्नामेंट से पहले 26 नवंबर को शारजाह में बांग्लादेश के खिलाफ अभ्यास मैच खेलेगा। भारत अपने अभियान की शुरुआत 30 नवंबर को दुबई में पाकिस्तान के खिलाफ करेगा।
भारत और पाकिस्तान के अलावा ग्रुप ए में जापान और मेजबान यूएई शामिल हैं। ग्रुप बी में श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और नेपाल की टीमें हैं। टूर्नामेंट से पहले भारत 26 नवंबर को शारजाह में अभ्यास मैच में बांग्लादेश से भिड़ेगा। टूर्नामेंट का सेमीफाइनल 6 दिसंबर, जबकि फाइनल 8 दिसंबर को खेला जाएगा। सभी मैच भारतीय समयानुसार सुबह 10:30 बजे से होंगे।
भारतीय अंडर-19 टीम : आयुष म्हात्रे, वैभव सूर्यवंशी, सी आंद्रे सिद्धार्थ, मोहम्मद अमान (कप्तान), किरण चोरमले (उपकप्तान), प्रणव पंत, हरवंश सिंह पंगलिया (विकेटकीपर), अनुराग कावड़े (विकेटकीपर), हार्दिक राज, मोहम्मद एनान, केपी कार्तिकेय, समर्थ नागराज, युद्धजीत गुहा, चेतन शर्मा, निखिल कुमार। रिजर्व खिलाड़ी : साहिल पारख, नमन पुष्पक, अनमोलजीत सिंह, प्रणव राघवेंद्र, डी दीपेश।