KNEWS DESK- आईपीएल 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) का अभियान उम्मीद और निराशा के बीच झूलता नज़र आ रहा है। नए कप्तान रजत पाटीदार की अगुआई में टीम ने घर से बाहर लगातार तीन मुकाबले जीतकर शानदार शुरुआत की, लेकिन होम ग्राउंड एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम पर जैसे किस्मत ही रूठ गई हो। यहां खेले गए दोनों मुकाबलों में टीम को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। ताज़ा मैच में दिल्ली कैपिटल्स ने बेंगलुरु को 6 विकेट से हरा दिया, और इसके साथ ही एक ऐसा रिकॉर्ड बना जिसे शायद बेंगलुरु फैंस याद नहीं रखना चाहेंगे।
बेंगलुरु ने दिल्ली के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करते हुए 163 रन बनाए, जो T20 क्रिकेट में औसत स्कोर माना जाता है। लेकिन दिल्ली की टीम, खासकर केएल राहुल की 93 रन की नाबाद पारी की बदौलत, लक्ष्य को महज 18 ओवर में ही हासिल कर गई। इस हार के साथ बेंगलुरु के नाम एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में सबसे ज्यादा – 45 हार – का अनचाहा रिकॉर्ड दर्ज हो गया है। इससे पहले दिल्ली कैपिटल्स भी इस सूची में 44 हार के साथ बराबरी पर थी, लेकिन अब उन्होंने बेंगलुरु को हराकर खुद को इस सूची में पीछे धकेल दिया है।
रजत पाटीदार की कप्तानी में टीम ने कई साहसिक फैसले लिए, और इसका असर टीम के बाहरी मैचों में प्रदर्शन में साफ देखा गया। लेकिन घरेलू मैदान पर बल्लेबाज़ी से लेकर गेंदबाज़ी तक हर विभाग में असंतुलन नज़र आ रहा है। घरेलू फैंस के सामने टीम की ये लचर प्रदर्शन अब भारी पड़ने लगा है।
बेंगलुरु को इस सीजन में चिन्नास्वामी में अभी 5 और मुकाबले खेलने हैं। ऐसे में हारों का यह आंकड़ा और बढ़ सकता है, अगर टीम ने अपनी रणनीतियों में बदलाव नहीं किया तो। उधर दिल्ली कैपिटल्स, जो इस सीज़न में अब तक चारों मैच जीत चुकी है, अब अपने घरेलू मैदान अरुण जेटली स्टेडियम में उतरने वाली है। 13 अप्रैल को उनका सामना मुंबई इंडियंस से है। अगर दिल्ली अपनी ये लय बरकरार रखती है, तो वो उस ‘सबसे ज्यादा घरेलू हार’ के रिकॉर्ड से खुद को पूरी तरह बचा सकती है।
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए यह वक्त आत्मचिंतन और रणनीतिक बदलाव का है। घरेलू मैदान पर हार का सिलसिला उनके पूरे सीज़न पर भारी पड़ सकता है। वहीं दिल्ली कैपिटल्स आत्मविश्वास से लबरेज है और उन्हें अपने होम ग्राउंड पर उतरने का इंतज़ार है। देखना दिलचस्प होगा कि क्या बेंगलुरु इस शर्मनाक रिकॉर्ड को और गहरा होने से रोक पाएगी, या फिर चिन्नास्वामी स्टेडियम एक बार फिर उनके लिए ‘अभिशाप’ साबित होगा।
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