KNEWS DESK- भारत और इंग्लैंड के बीच जारी टेस्ट सीरीज का पांचवां और आखिरी मुकाबला आज से ओवल के ऐतिहासिक मैदान पर खेला जा रहा है। यह मुकाबला टीम इंडिया के लिए करो या मरो की स्थिति जैसा है। यदि भारत यह मैच जीत लेता है तो सीरीज ड्रॉ होकर साख बच जाएगी, लेकिन हार की स्थिति में इंग्लैंड सीरीज पर कब्जा जमा लेगा।
टीम इंडिया के लिए यह मैच सिर्फ एक मुकाबला नहीं, बल्कि इतिहास को बदलने का मौका है। दरअसल, भारतीय टीम अब तक विदेशी ज़मीन पर कोई भी पांचवां टेस्ट मैच जीत नहीं सकी है। विदेशी धरती पर भारत ने अब तक 16 बार पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेली है। इनमें से 10 बार भारत को हार का सामना करना पड़ा और 6 मुकाबले ड्रॉ रहे। ऐसे में पांचवां टेस्ट भारतीय टीम के लिए किसी श्राप से कम नहीं रहा है।
अब एक बार फिर ओवल में भारत पांचवां टेस्ट खेलने उतरा है। सवाल यह है कि क्या इस बार शुभमन गिल की अगुवाई में टीम इंडिया इस मनोवैज्ञानिक दबाव को तोड़ पाएगी?
शुभमन गिल ने मैच से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ओवल की पिच पर घास है, जिससे तेज गेंदबाजों को मदद मिल सकती है। इंग्लैंड ने उसी रणनीति के तहत अपनी प्लेइंग इलेवन में कोई भी स्पिनर शामिल नहीं किया है। टीम में चार तेज गेंदबाज शामिल किए गए हैं, जिनमें से तीन स्विंग स्पेशलिस्ट हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत के बल्लेबाजों को स्विंग और सीम से निपटने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी।
हालांकि, टीम इंडिया के लिए कुछ अच्छी खबरें भी हैं बेन स्टोक्स चोटिल होने के कारण यह मुकाबला नहीं खेल रहे। जोफ्रा आर्चर को भी आराम दिया गया है। भारतीय बल्लेबाज इस सीरीज में शानदार फॉर्म में रहे हैं और यदि उन्होंने संयम से बल्लेबाजी की, तो वे बड़ा स्कोर खड़ा कर सकते हैं।
टीम इंडिया के पास इस बार मौका है कि वह इतिहास का सबसे कड़ा पैगाम पलट दे। शुभमन गिल की कप्तानी में युवा जोश और बल्लेबाजी की स्थिरता दिखाई दी है, लेकिन इंग्लिश परिस्थितियों में दबाव झेलना हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है। फैंस की निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या भारत इस बार पांचवें टेस्ट का ‘श्राप’ तोड़ पाएगा, या फिर एक बार फिर ओवल से अधूरी उम्मीदों के साथ लौटेगा।