KNEWS DESK- भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और ड्रीम 11 के बीच का स्पॉन्सरशिप करार अब समाप्त हो चुका है। ऐसे में दुनिया के सबसे ताकतवर क्रिकेट बोर्ड को अब टीम इंडिया के लिए नए टाइटल स्पॉन्सर की तलाश है। इस बीच बीसीसीआई ने एक बड़ा वाणिज्यिक निर्णय लेते हुए स्पॉन्सरशिप की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी है।
नए नियमों के तहत हर बाइलेट्रल मैच के लिए बेस प्राइस: ₹3.5 करोड़। आईसीसी और एशिया कप जैसे टूर्नामेंट्स के मैच के लिए: ₹1.5 करोड़। पहले ये दरें क्रमशः ₹3.17 करोड़ और ₹1.12 करोड़ थीं। यानी बीसीसीआई ने प्रत्येक श्रेणी में लगभग ₹30–₹40 लाख की बढ़ोतरी कर दी है।
बीसीसीआई बाइलेट्रल सीरीज को ब्रांडिंग के लिहाज़ से अधिक मूल्यवान मानता है क्योंकि इन मैचों में स्पॉन्सर का नाम खिलाड़ियों की जर्सी के चेस्ट एरिया पर होता है जबकि ICC या एशिया कप जैसे टूर्नामेंट में स्पॉन्सर की ब्रांडिंग केवल स्लीव्स पर होती है।
BCCI ने अगले 3 सालों में 130 मैच निर्धारित किए हैं। इनमें T20 वर्ल्ड कप 2026, वनडे वर्ल्ड कप 2027 भी शामिल हैं।इन 130 मैचों से बीसीसीआई को ₹400 करोड़ से ज्यादा की आमदनी होने का अनुमान है।
एशिया कप की शुरुआत 9 सितंबर से हो रही है। लेकिन BCCI ने नई टाइटल स्पॉन्सर की बोली 16 सितंबर को रखी है। ऐसे में यह लगभग तय है कि टीम इंडिया इस टूर्नामेंट में बिना किसी स्पॉन्सर लोगो के मैदान पर उतरेगी।
BCCI ने साफ किया है कि कुछ सेक्टर्स की कंपनियां स्पॉन्सरशिप की दौड़ में शामिल नहीं हो सकतीं, जैसे- ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग कंपनियां, क्रिप्टो करेंसी से जुड़ी कंपनियां, तंबाकू उत्पाद बनाने वाली कंपनियां, स्पोर्ट्सवियर ब्रांड्स, इंश्योरेंस और फाइनेंस कंपनियां (इन पर भी सीमित रोक) इस रोक के चलते कई हाई-प्रोफाइल कंपनियां दौड़ से बाहर हो गई हैं।