लॉर्ड्स टेस्ट: बुमराह की आग, राहुल का शतक, जडेजा का संघर्ष…फिर भी टीम इंडिया हारी, कप्तान गिल ने गिनाईं हार की 2 बड़ी वजहें

KNEWS DESK-  लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर एक बेहद रोमांचक मुकाबले में भारतीय क्रिकेट टीम को इंग्लैंड के हाथों सिर्फ 22 रन से करारी हार का सामना करना पड़ा। जसप्रीत बुमराह की 5 विकेट की धमाकेदार गेंदबाजी, केएल राहुल का शतक और रवींद्र जडेजा के दोनों पारियों में संघर्षशील अर्धशतक भी भारत को जीत की दहलीज पार नहीं करा सके। इसके साथ ही इंग्लैंड ने टेस्ट सीरीज के अंतिम मुकाबले में जीत हासिल कर सीरीज में बढ़त भी बना ली।

भारत को 193 रन का लक्ष्य मिला था। चौथे दिन का खेल खत्म होने तक भारतीय टीम 4 विकेट पर सिर्फ 58 रन बना पाई थी। ऐसे में आखिरी दिन भारत को जीत के लिए 135 रन और बनाने थे, जबकि उसके पास सिर्फ 6 विकेट शेष थे। लेकिन जैसे ही आखिरी दिन का पहला सेशन शुरू हुआ, भारतीय पारी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। सिर्फ एक सेशन में 4 विकेट गिर गए और टीम जीत की होड़ से लगभग बाहर हो गई।

रवींद्र जडेजा, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज ने जरूर आखिरी वक्त में कुछ संघर्ष दिखाया और टीम को जीत की उम्मीद दी, लेकिन इंग्लिश गेंदबाजों ने संयम और रणनीति से भारतीय पारी को समेट दिया।

हार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कप्तान शुभमन गिल की निराशा साफ झलक रही थी, लेकिन उन्होंने हार की जिम्मेदारी लेने से नहीं कतराया। गिल ने दो बड़ी गलतियों की तरफ इशारा किया जो टीम इंडिया की हार में निर्णायक रहीं।

1. टॉप ऑर्डर की विफलता

गिल ने कहा, “कल (चौथे दिन) का एक घंटा और आज का एक घंटा हमारे लिए भारी पड़ा। टॉप ऑर्डर बिल्कुल नहीं चला। कम से कम हमें 30-40 रन और बनाने चाहिए थे। ये पहली बार था जब हमारे टॉप ऑर्डर ने इस सीरीज में पूरी तरह निराश किया।”

टीम की शुरुआत से ही दबाव में होने से मिडिल ऑर्डर और लोअर ऑर्डर पर अतिरिक्त बोझ आ गया, जिसे वह संभाल नहीं पाए।

2. फील्डिंग में चूके मौके

गिल ने भारत की फील्डिंग पर भी सवाल उठाए। भारत ने इस टेस्ट में कुल 63 रन एक्स्ट्रा दिए, जिनमें से 36 रन बाई से थे और इनमें से 25 सिर्फ दूसरी पारी में आए। इसके मुकाबले इंग्लैंड ने दोनों पारियों में सिर्फ 30 रन एक्स्ट्रा दिए, जिनमें सिर्फ 3 रन बाई से थे।

गिल ने कहा, “हम फील्डिंग में बेहतर होते जा रहे हैं लेकिन कुछ गैरजरूरी गलतियां कीं। कुछ बाउंड्री हम रोक सकते थे। फासला छोटा था, लक्ष्य फिर भी हासिल किया जा सकता था।”

इस हार ने एक बार फिर दिखा दिया कि टेस्ट क्रिकेट में हर छोटी गलती बड़ी कीमत वसूलती है। टीम इंडिया ने गेंदबाजी और व्यक्तिगत प्रदर्शन के दम पर मैच को लगभग जीत की दहलीज तक पहुंचाया था, लेकिन सामूहिक बल्लेबाजी विफलता और फील्डिंग में चूके मौकों ने पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया। अब कप्तान शुभमन गिल और कोचिंग स्टाफ के सामने सबसे बड़ा सवाल यह होगा कि ऐसी करीबी हार से कैसे उबरा जाए और आने वाली सीरीज में टीम को कैसे मजबूत मानसिकता के साथ उतारा जाए।

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