KNEWS DESK- आईपीएल का 18वां सीजन रोमांच से भरपूर चल रहा है और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) भले ही अब तक खिताब से दूर रही हो, लेकिन इस टीम के लिए कुछ खिलाड़ी हर सीजन नई मिसाल कायम करते हैं। इस बार बारी है देवदत्त पडिक्कल की, जिन्होंने ना सिर्फ टीम को अहम जीत दिलाई बल्कि एक खास रिकॉर्ड में विराट कोहली का साथ भी पा लिया है।
आईपीएल 2025 के मुकाबले में जब RCB का सामना राजस्थान रॉयल्स से हुआ, तो एक बार फिर देवदत्त पडिक्कल का बल्ला चमका। पडिक्कल ने 28 गेंदों में 40 रनों की तेज पारी खेली, जिसमें 5 चौके और 1 शानदार छक्का शामिल था। यही नहीं, मैच की आखिरी बाउंड्री भी उनके बल्ले से निकली, जिससे बेंगलुरु को जीत मिली और वो हीरो बनकर लौटे।
इस मुकाबले की सबसे खास बात रही पडिक्कल का RCB के लिए 1000 रन के आंकड़े को छू लेना। 18 साल पुराने इस फ्रेंचाइज़ी के इतिहास में अब तक सिर्फ विराट कोहली ही ऐसे भारतीय बल्लेबाज थे, जिन्होंने ये उपलब्धि हासिल की थी। अब इस सूची में पडिक्कल का नाम भी जुड़ गया है। उन्होंने ये मुकाम 35 पारियों में पूरा किया और RCB के लिए अब उनके नाम 1003 रन दर्ज हो चुके हैं।
बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज पडिक्कल ने अपना आईपीएल डेब्यू 2020 में RCB के साथ किया था। शुरुआती दो सीजन उन्होंने शानदार प्रदर्शन के साथ खेले, लेकिन इसके बाद टीम ने उन्हें रिलीज कर दिया। पडिक्कल ने राजस्थान रॉयल्स और लखनऊ सुपर जायंट्स के साथ तीन सीजन बिताए। इस सीजन में वो दोबारा बेंगलुरु की टीम से जुड़े और एक बार फिर खुद को साबित किया।
RCB के लिए 1000 रन बनाने वालों की सूची में जल्द ही एक और भारतीय नाम जुड़ने वाला है। मौजूदा कप्तान रजत पाटीदार इस ऐतिहासिक लिस्ट से महज 15 रन दूर हैं। ऐसे में आने वाले मुकाबलों में RCB को अपने दो भारतीय बल्लेबाजों पर गर्व करने का एक और मौका मिल सकता है।
RCB के टॉप रन स्कोरर
-
विराट कोहली – 8252 रन
-
एबी डिविलियर्स – 4491 रन
-
क्रिस गेल – 3163 रन
-
फाफ डुप्लेसी – 1300+ रन (लगभग)
-
ग्लेन मैक्सवेल, जैक कैलिस – 1000+ रन
-
देवदत्त पडिक्कल – 1003 रन (अब)
इनमें से सभी विदेशी खिलाड़ियों के बीच कोहली और अब पडिक्कल ही ऐसे भारतीय हैं जिन्होंने इस फ्रेंचाइज़ी के लिए 1000 रन बनाए हैं।
देवदत्त पडिक्कल की यह उपलब्धि सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि उनकी मेहनत, वापसी और आत्मविश्वास की कहानी है। जिस टीम से उन्हें रिलीज किया गया, उसी टीम में लौटकर उन्होंने खुद को साबित किया और इतिहास रच दिया। RCB और उनके फैंस के लिए यह पल गर्व का है – और शायद एक संकेत भी, कि इस बार कुछ खास हो सकता है।
ये भी पढ़ें- उत्तराखंड में चला सीएम धामी का चाबुक, 173 अवैध मदरसे सील, कई और मदरसों भी हैं रडार पर