KNEWS DESK- भारत की अंडर-19 टीम इंग्लैंड दौरे पर है, और इस दौरे में एक नाम लगातार सुर्खियों में बना हुआ है — वैभव सूर्यवंशी। बल्ले से ताबड़तोड़ प्रदर्शन कर रहे इस युवा बल्लेबाज ने पहले दो वनडे मैचों में न केवल भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाए हैं, बल्कि वे अब तक की सीरीज में सबसे ज्यादा छक्के लगाने वाले खिलाड़ी भी बन चुके हैं।
वैभव ने इंग्लैंड अंडर-19 टीम के खिलाफ पहले मुकाबले में महज 19 गेंदों पर 48 रन ठोके, जिसमें 5 छक्के शामिल थे और उनका स्ट्राइक रेट 252.63 का रहा। भारत ने ये मुकाबला 6 विकेट से जीता।
दूसरे मैच में भी वैभव की बल्लेबाजी जारी रही। उन्होंने 34 गेंदों में 45 रन बनाए, जिसमें 3 छक्के शामिल थे। हालांकि भारत यह मुकाबला 1 विकेट से हार गया। लेकिन वैभव की बल्लेबाजी ने यह संकेत दे दिया है कि वह इंग्लैंड की परिस्थितियों में कितने निपुण हैं। अब तक दो मैचों में वैभव ने 48 गेंदों में 93 रन बनाए हैं, जिसमें 8 छक्के शामिल हैं और उनका कुल स्ट्राइक रेट 175 से अधिक रहा है।
वैभव की इस सफलता के पीछे कड़ी मेहनत और रणनीतिक तैयारी है। उनके कोच मनीष ओझा ने TV9 हिंदी को दिए इंटरव्यू में बताया कि इंग्लैंड दौरे से पहले वैभव ने नेशनल क्रिकेट एकेडमी (NCA) के कैंप में खास तैयारी की थी। उन्होंने इंग्लैंड की ग्रीन पिचों और स्विंगिंग कंडीशंस को ध्यान में रखते हुए अभ्यास किया।
सबसे खास बात यह रही कि वैभव ने प्रैक्टिस के लिए इंग्लैंड में इस्तेमाल की जाने वाली ड्यूक गेंद का उपयोग किया, जो भारत में लगभग ₹10,000 प्रति गेंद की कीमत पर मिलती है। मनीष ओझा के मुताबिक, “हमने वैभव की तकनीक और संयम को ड्यूक बॉल के खिलाफ तैयार किया ताकि वह इंग्लिश पिचों पर स्विंग और सीम मूवमेंट का सामना कर सके।”
ड्यूक बॉल इंग्लैंड की पारंपरिक गेंद है, जो लाल चमड़े की होती है और अपनी कड़ी सीम और स्विंग क्षमता के लिए जानी जाती है। इससे बल्लेबाजों को शुरू में खेलने में परेशानी होती है, खासकर हरे विकेटों पर। वैभव ने उसी चुनौती को अभ्यास के जरिए अपना मजबूत पक्ष बना लिया।
वैभव सूर्यवंशी ने पहले ही दो मैचों में यह साफ कर दिया है कि वह केवल भविष्य के स्टार नहीं, बल्कि वर्तमान की बड़ी उम्मीद भी हैं। अब सभी की निगाहें बाकी बचे तीन वनडे मैचों पर हैं, जहां वैभव से और भी धमाकेदार प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है।
अगर वह इसी तरह बल्लेबाजी करते रहे, तो जल्द ही उन्हें सीनियर टीम में जगह मिलने की चर्चा शुरू हो सकती है। उनकी तैयारी, दृष्टिकोण और समर्पण ने दिखा दिया है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए वह मानसिक और तकनीकी दोनों रूप से तैयार हैं।
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