KNEWS DESK- भारत को लगातार दूसरी बार घरेलू टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप झेलना पड़ा है। पिछले साल न्यूजीलैंड ने 3-0 से हराया था और अब साउथ अफ्रीका ने 2-0 से भारत को मात देकर टीम इंडिया का “किला” ध्वस्त कर दिया। दोनों ही हारें गौतम गंभीर की कोचिंग के दौरान आईं, जिसके बाद उनकी भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। सोशल मीडिया पर गंभीर को हटाने की मांग भी तेज होती जा रही है।
लेकिन गंभीर ने साफ कहा है कि कोच पद पर रहने या हटने का फैसला BCCI की जिम्मेदारी है, उनकी नहीं। साथ ही उन्होंने अपने कार्यकाल का बचाव करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में टीम इंडिया ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं।
साउथ अफ्रीका से शर्मनाक हार के बाद गंभीर प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए, जहां उनसे उनके भविष्य पर सवाल पूछे गए। गंभीर ने कहा “ये फैसला करना BCCI की जिम्मेदारी है। मैंने पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि मैं अहम नहीं, भारतीय क्रिकेट अहम है। यह मत भूलिए, मैं वही इंसान हूं जिसके रहते इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज ड्रॉ हुई, चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप जीते।”
गंभीर ने टीम की हार की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि हार की शुरुआत कोच से ही होती है, लेकिन उन्होंने साफ किया कि किसी एक खिलाड़ी या किसी एक शॉट को दोष देना सही नहीं। गंभीर ने कहा कि टीम इंडिया इस समय ट्रांजिशन फेज में है। कई अनुभवी खिलाड़ी बाहर हैं और युवा खिलाड़ियों को अभी समय चाहिए। उन्होंने टीम की बल्लेबाजी पर भी निराशा जताई। “95/1 से 122/7 हो जाना स्वीकार्य नहीं है। हमें बेहतर क्रिकेट खेलना होगा। अगर टेस्ट में नंबर-1 बनना है तो टेस्ट फॉर्मेट को प्राथमिकता देनी होगी।”
भारतीय क्रिकेट इन दिनों आलोचनाओं से घिरा है। टीम इंडिया की बल्लेबाजी कमजोर पड़ी है, गेंदबाजी बेदम दिखी है और घरेलू किले की मजबूती टूट गई है। ऐसे में गंभीर की कोचिंग पर भी सवाल उठ रहे हैं। गंभीर ने खुद भी स्वीकार किया कि “मैं किसी को दोष नहीं देता। कोई भी हार अकेले किसी खिलाड़ी की नहीं होती।” अब तमाम नज़रें BCCI पर हैं कि वह गंभीर पर भरोसा बनाए रखेगा या नए कोच की तलाश शुरू होगी।