KNEWS DESK- कोलकाता टेस्ट में साउथ अफ्रीका के हाथों 30 रन से हार के बाद भारतीय टीम के प्रदर्शन को लेकर कई सवाल उठे हैं। कई लोगों ने टीम इंडिया की स्पिन ताकत पर संदेह जताया और पिच को लेकर भी बहस शुरू हो गई। इस बीच क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (CAB) के अध्यक्ष और भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने पिच को लेकर उठाए गए सभी सवालों को खारिज करते हुए टीम इंडिया को सलाह दी है।
गांगुली ने कहा कि ईडन गार्डन्स की पिच बिल्कुल वैसी ही थी, जैसी भारतीय टीम ने चाही थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि घरेलू मैदान पर दबदबा बनाने के लिए पिच में छेड़छाड़ करने की कोई जरूरत नहीं है। गांगुली ने पिच के संतुलन पर जोर देते हुए कहा कि पिच ऐसी होनी चाहिए जिस पर बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों के लिए अवसर हों। यानी, बल्लेबाज 350 प्लस रन बना सकें और गेंदबाजों को भी विकेट निकालने का मौका मिले।
पूर्व कप्तान ने टीम के वरिष्ठ बल्लेबाज गौतम गंभीर को नसीहत दी कि पिच बदलने के बजाय अपनी बॉलिंग स्ट्रेंथ पर भरोसा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि टीम में जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज जैसी तेज गेंदबाज हैं जो अच्छे प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा, शमी को भी मौका दिया जाना चाहिए क्योंकि वह भारत को मैच जिताने की क्षमता रखते हैं।
गांगुली के इस बयान से साफ है कि वह टेस्ट मैच में स्पेशल पिच की मांग के पक्ष में नहीं हैं और टीम की गेंदबाजी ताकत पर अधिक भरोसा करने की सलाह दे रहे हैं।
कोलकाता टेस्ट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में गौतम गंभीर ने भी पिच पर कोई आपत्ति नहीं जताई थी। उन्होंने कहा कि पिच वैसी ही मिली जैसी उन्होंने चाही थी और क्यूरेटर ने मददगार भूमिका निभाई। गंभीर ने स्वीकार किया कि अगर टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं करेगी तो हार निश्चित थी। उनका कहना था कि 124 रन का लक्ष्य चेज करने लायक था और पिच में कोई गड़बड़ी नहीं थी।
गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब भारतीय टीम ने स्पिन-फ्रेंडली पिच की मांग की हो। 2024 में न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में भी ऐसा ही हुआ था, जिसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा। इस बार गांगुली की सलाह यह है कि पिच पर सवाल उठाने के बजाय टीम इंडिया अपनी गेंदबाजी ताकत पर भरोसा करे और मैदान पर खेल के जरिए दबदबा बनाए।