KNEWS DESK- दुबई में 21 दिसंबर को अंडर-19 एशिया कप 2025 का फाइनल भारत और पाकिस्तान के बीच खेला जाना है। मैदान पर मुकाबला जितना बड़ा होगा, उससे कहीं ज्यादा चर्चा ट्रॉफी से जुड़ी संभावित तस्वीर को लेकर है। सवाल यही है—अगर भारत चैंपियन बनता है, तो क्या इतिहास खुद को दोहराएगा या इस बार कहानी बदली हुई होगी?
दरअसल, महज 84 दिन पहले यानी 28 सितंबर 2025 को सीनियर एशिया कप के फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को हराकर खिताब अपने नाम किया था। जीत के बावजूद भारतीय टीम ने ट्रॉफी नहीं ली थी। वह ट्रॉफी आज भी दुबई स्थित एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के मुख्यालय में रखी हुई है। वजह थी ट्रॉफी देने वाले ACC अध्यक्ष मोहसिन नकवी, जो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन होने के साथ-साथ पाकिस्तान सरकार में मंत्री भी हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने किसी पाकिस्तानी मंत्री से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था, और पूरी टीम ने उनके फैसले का समर्थन किया था।
अब वही परिस्थिति अंडर-19 एशिया कप के फाइनल से पहले एक बार फिर चर्चा में है। भारत और पाकिस्तान इस टूर्नामेंट में दूसरी बार आमने-सामने होंगे। ग्रुप स्टेज के मुकाबले में भारतीय अंडर-19 खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया था, जिसे सीनियर टीम के फैसले से जोड़कर देखा गया। ऐसे में फाइनल में भी वैसी ही तस्वीर दोहराए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सबसे बड़ा सवाल ट्रॉफी को लेकर है। अगर भारत अंडर-19 एशिया कप जीतता है, तो क्या जूनियर टीम भी सीनियर्स की तरह ट्रॉफी लेने से इनकार करेगी? माना जा रहा है कि ट्रॉफी यहां भी ACC अध्यक्ष मोहसिन नकवी ही सौंप सकते हैं, जिससे असमंजस और गहरा गया है।
ICC हमेशा क्रिकेट को राजनीति से दूर रखने की बात करता रहा है, और जूनियर क्रिकेट में इस सिद्धांत को और सख्ती से लागू करने की कोशिश होती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ICC ने दोनों देशों को खेल की गरिमा बनाए रखने के निर्देश भी दिए हैं। लेकिन ग्रुप स्टेज में हुए घटनाक्रम के बाद यह सवाल स्वाभाविक है कि क्या अंडर-19 खिलाड़ी भी ट्रॉफी के मामले में अपने सीनियर्स का ही रास्ता अपनाएंगे?
अब सबकी नजरें 21 दिसंबर पर टिकी हैं—ना सिर्फ इस पर कि फाइनल कौन जीतेगा, बल्कि इस पर भी कि जीत के बाद ट्रॉफी के साथ कैसी तस्वीर दुनिया देखेगी। क्या 84 दिन पुरानी कहानी फिर दोहराई जाएगी या अंडर-19 एशिया कप में एक नई मिसाल कायम होगी?