KNEWS DESK- दिल्ली की हवा इन दिनों बेहद खराब हो चुकी है। शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) कई इलाकों में 400 से ऊपर पहुँच चुका है, जो कि गंभीर स्वास्थ्य जोखिम का संकेत है। खराब वायु गुणवत्ता के कारण लोग सांस लेने में तकलीफ महसूस कर रहे हैं और मास्क पहनना अब आम जरूरत बन गया है।
इस बढ़ते प्रदूषण का असर क्रिकेट पर भी पड़ा है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने खिलाड़ियों की सेहत को ध्यान में रखते हुए अहम फैसला लिया है। बीसीसीआई ने अंडर-23 मेन्स वनडे टूर्नामेंट के नॉकआउट मैच अब दिल्ली में नहीं कराने का निर्णय लिया है और इन्हें मुंबई में शिफ्ट कर दिया गया है। मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) को 25 नवंबर से 1 दिसंबर तक इन मैचों की मेजबानी के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
टूर्नामेंट का लीग स्टेज का आखिरी मैच 21 नवंबर को वडोदरा में खेला जाएगा, जिसके बाद नॉकआउट स्टेज शुरू होगा। नॉकआउट राउंड में कुल आठ टीमें खेलेंगी और बीसीसीआई जल्द ही इसका नया शेड्यूल जारी करेगी।
MCA के एक सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “हमें बीसीसीआई की तरफ से फोन आया और बताया गया कि राजधानी में वायु प्रदूषण अधिक होने के कारण अब नॉकआउट मैचों की मेजबानी मुंबई को दी गई है। उस माहौल में दिल्ली में क्रिकेट खेलना असंभव था।”
दिल्ली में प्रदूषण के कारण पहले भी अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों को स्थान बदलना पड़ा है। हाल ही में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच पहला टेस्ट मैच दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम से कोलकाता शिफ्ट किया गया था। जबकि अक्टूबर में भारत और वेस्ट इंडीज टेस्ट मैच दिल्ली में खेला गया था, क्योंकि वह मुकाबला प्रदूषण के चरम स्तर से पहले आयोजित हुआ।
यादगार है दिसंबर 2017 का भारत-श्रीलंका मैच, जब अरुण जेटली स्टेडियम में AQI लगभग 400 तक पहुँच गया था। उस मुकाबले में श्रीलंकाई खिलाड़ी मास्क पहनकर फील्डिंग करने उतरे थे। गेंदबाज लाहिरु गमागे को सांस लेने में दिक्कत हुई और खेल लगभग 17 मिनट के लिए रोकना पड़ा। सुरंगा लकमल को उल्टी और घबराहट की वजह से मैदान छोड़ना पड़ा। उस समय श्रीलंका के पास केवल 10 फिट खिलाड़ी ही मैदान में मौजूद थे और टीम के कमरे में ऑक्सीजन सिलेंडर लाना पड़ा था।
बढ़ते प्रदूषण के बीच बीसीसीआई का यह कदम खिलाड़ियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का संकेत है।