KNEWS DESK- महेंद्र सिंह धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के लिए भूमिका बहुत खास है, और सीएसके के फैंस भी धोनी को भगवान से कम नहीं मानते। धोनी की वजह से टीम को दुनियाभर में जबरदस्त समर्थन मिलता है, लेकिन पूर्व सीएसके बल्लेबाज अंबाती रायडू ने इस स्थिति पर अपनी चिंता जाहिर की है। रायडू का मानना है कि धोनी के प्रति फैंस का अति उत्साह कहीं न कहीं टीम के अन्य खिलाड़ियों के लिए नुकसानदेह साबित हो रहा है।
रायडू ने एक इंटरव्यू में कहा, “ये काफी अजीब है, और मुझे नहीं लगता कि यह खेल के लिए अच्छा है। अगर आप एक नए खिलाड़ी हैं, तो ये काफी डराने वाला हो सकता है। सपोर्ट शानदार है, लेकिन जैसे-जैसे आप खेलते हैं, आपको एहसास होता है कि वे सीएसके के फैंस से पहले धोनी के फैंस हैं। ये काफी साफ है, और ठीक भी है, क्योंकि टीम को सालों से इसी तरह सेट किया गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “उन्हें सही मायने में ‘थाला’ कहा जाता है, और वही सीएसके में फैसले लेते हैं। अब ये हालात बन गए हैं कि लोग उनके लिए पागलपन की हद तक समर्पित हैं।”
अंबाती रायडू ने यह भी बताया कि कैसे कभी-कभी सीएसके के फैंस अपने ही खिलाड़ियों के आउट होने पर खुशी मनाते हैं, ताकि वे धोनी को बल्लेबाजी करते देख सकें। एक उदाहरण के तौर पर उन्होंने पिछले हफ्ते मुंबई इंडियंस के खिलाफ मैच का जिक्र किया, जिसमें फैंस ने ऐसा व्यवहार किया। रायडू ने कहा, “यह कई सालों से हो रहा है, और कई खिलाड़ियों ने इसे महसूस किया है। हालांकि, हम सभी धोनी को प्यार करते हैं, लेकिन जब आप बल्लेबाजी के लिए उतरते हैं और फैंस आपको आउट होने के लिए चिल्लाते हैं, तो यह अजीब लगता है।”
रायडू ने इस मुद्दे का समाधान भी पेश किया, और उन्होंने कहा कि यह समस्या केवल धोनी ही सुलझा सकते हैं। रायडू का मानना है कि अगर धोनी खुद फैंस से कहें कि “यह सभी हमारे खिलाड़ी हैं, और जैसे मैं बल्लेबाजी करता हूं, वैसे ही ये भी कर रहे हैं”, तो फैंस शांत हो सकते हैं और टीम के अन्य खिलाड़ियों को समान सम्मान मिल सकता है।
रायडू ने आगे कहा, “यह चुनौतीपूर्ण होगा। केवल खिलाड़ियों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी फ्रेंचाइजी के लिए भी, क्योंकि अगर धोनी नहीं होंगे, तो ब्रांडिंग और फैंस को बनाए रखने के लिए उन्हें कुछ नया सोचना होगा।”
रायडू का यह बयान सीएसके के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है, खासकर तब जब धोनी अब पूरी तरह से सक्रिय क्रिकेट में नहीं रह सकते। यदि धोनी फ्रेंचाइजी से जुड़ी नहीं रहेंगे, तो सीएसके को नए कप्तान और खिलाड़ियों के नेतृत्व में खुद को पुनः स्थापित करना होगा, क्योंकि धोनी की अनुपस्थिति में ब्रांड और फैंस का समर्थन बनाए रखना एक बड़ी चुनौती होगी।
इस बयान के माध्यम से रायडू ने न सिर्फ फैंस की भावनाओं की गहरी समझ दिखाई, बल्कि यह भी बताया कि कैसे धोनी का प्रभाव टीम के बाकी खिलाड़ियों के लिए बाधक बन सकता है। सीएसके के फैंस का जुनून इस समय टीम की ताकत तो है, लेकिन यह भविष्य में किसी चुनौती का रूप भी ले सकता है, जब धोनी अब क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला करेंगे।
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