KNEWS DESK- हर साल लाखों की संख्या में छात्र आईआईटी की परीक्षा देते हैं लेकिन कुछ ही चुनिंदा उम्मीदवरों का अच्छे आईआईटी में सेलेक्सन होता है। इस इंजीनियरिंग के लिए बेस्ट मानी जाने वाली प्रवेश परीक्षा जेईई पास करने के बाद छात्र अपनी रैंक के हिसाब से आईआईटी में एडमिशन लेते हैं। यहां से कोर्स पूरा करने के बाद वे आगे क्या करते हैं, कैसे प्लेसमेंट होते हैं और वे नौकरी के लिए किन कंपनियों को प्रिफरेंस देते हैं। आइये जानें –
विदेश जाने वाले आईआईटीएंस
रिपोर्ट के मुताबिक जब साल 2009 से 2016 तक की स्टडी की और टॉप 250 आईआईटीएंस के काम की फील्ड देखी तो पाया कि टॉप आईआईटीएंस में से जो 25 से 32 साल के बीच के थे उनमें से आधे से ज्यादा ने विदेशों का रुख किया। इसमें भी ये नोटिस किया गया कि जेईई 2009 से 2011 पास करने वाले 30 से 32 साल के कैंडिडेट्स यूएस ज्यादा गए बजाय 25 साल के कैंडिडेट्स।
इससे एक सवाल ये उठता है कि क्या ज्यादा आईआईटीएंस इंडिया में रहना चाहते हैं या उम्र बढ़ने के साथ वे यूएस में सेटल होना ज्यादा पसंद करते हैं। मोटे तौर पर कहा जा सकता है कि 20 से 30 प्रतिशत हायर स्टडीज के लिए या जॉब के लिए विदेश जाना पसंद करते हैं. वहीं करीब 10 प्रतिशत आगे की पढ़ाई जैसे एमबीए या एमटेक के लिए इंडिया में रहकर ही पढ़ते हैं. इसके बाद करीब 60 प्रतिशत इंडिया में ही जॉब करने लगते हैं।
टॉप कंपनियां
सूत्रों के मुताबिक करीब 40 से 50 प्रतिशत कैंडिडेट्स बड़ी टेक कंपनियां ज्वॉइन करना पसंद करते हैं। जैसे गूगल, फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन। अगर हायर एजुकेशन की बात करें तो 20 परसेंट की मास्टर्स करना पसंद करते हैं और उससे भी कम यानी 10 प्रतिशत ही पोस्ट डॉक या प्रोफेसर बनने के लिए पढ़ाई करते हैं|