KNEWS DESK- भारत के सबसे मशहूर स्नैक ब्रांड Haldiram’s की पहुंच अब हर घर तक है, चाहे वो ईद हो, होली, दिवाली या फिर घर पर मेहमानों के लिए नमकीन परोसने की बात हो। अब इस प्रिय ब्रांड को एक नया मालिक मिलने वाला है, और वो कोई और नहीं बल्कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के शेख ताहनून बिन जायद होंगे, जो हिंडनबर्ग संकट के दौरान गौतम अडानी की मदद के लिए भी आगे आए थे।
UAE के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर शेख ताहनून बिन जायद भारतीय स्नैक ब्रांड हॉलदीराम्स में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी खरीदने के इच्छुक हैं। वो चिमेरा कैपिटल के तहत काम करते हैं, जो 1.5 ट्रिलियन डॉलर के बिजनेस एंपायर का हिस्सा है।
चिमेरा कैपिटल ने हाल ही में अल्फा वेव ग्लोबल लाम के एक फंड में निवेश किया है, जो हॉलदीराम्स में हिस्सेदारी खरीदने का इच्छुक है। रिपोर्ट के अनुसार, शेख ताहनून बिन जायद की कंपनी Haldiram’s में 6 प्रतिशत की हिस्सेदारी खरीद सकती है, जिसकी डील वैल्यू 60 करोड़ डॉलर (करीब 5,160 करोड़ रुपये) हो सकती है।
यह डील भारत में किसी स्नैक और फूड कंपनी के लिए अब तक की सबसे बड़ी डील्स में से एक होगी। Haldiram’s भले ही एक भारतीय ब्रांड है, लेकिन इसकी वैश्विक उपस्थिति खासकर आसियान और गल्फ देशों में भी है। यही कारण है कि इन देशों के बड़े निवेशकों की इसमें रुचि है।
इससे पहले, सिंगापुर की निवेश फर्म टेमासेक ने भी Haldiram’s में निवेश किया है। टेमासेक ने Haldiram’s में 9 प्रतिशत की हिस्सेदारी खरीदने की डील की है। इस डील के चलते अग्रवाल परिवार को कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को 15 प्रतिशत तक डायल्यूट करना पड़ा है।
अल्फा वेव एक ऐसी निवेश कंपनी है जिसने एलन मस्क की स्पेसएक्स को भी फंडिंग दी है। दिलचस्प बात यह है कि इस निवेश के बाद, जहां टेमासेक को हॉलदीराम्स के बोर्ड में जगह मिल सकती है, वहीं अल्फा वेव खुद को इससे बाहर रख सकती है।
Haldiram’s का वैश्विक निवेशकों द्वारा अधिग्रहण भारत के खाद्य उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण विकास है। शेख ताहनून बिन जायद के निवेश से हॉलदीराम्स को नए बाजारों में विस्तार और वैश्विक स्तर पर मजबूत पहचान बनाने में मदद मिल सकती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस नई साझेदारी के बाद हॉलदीराम्स के स्वाद और गुणवत्ता पर क्या असर पड़ता है।