सुप्रीम कोर्ट ने आरकॉम और अनिल अंबानी से बैंकिंग फ्रॉड जांच पर जवाब मांगा

KNEWS DESK- सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) और अनिल अंबानी से जुड़े बैंकिंग फ्रॉड की याचिका पर केंद्र सरकार, सीबीआई और ईडी को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। यह याचिका भारत सरकार के पूर्व सचिव ईएएस सरमा ने दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि आरकॉम समूह और संबंधित कंपनियों ने धन का व्यवस्थित दुरुपयोग किया और खातों में हेराफेरी की गई।

मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति विनोद चंद्रन की पीठ ने केंद्र सरकार, सीबीआई, ईडी और अनिल अंबानी को तीन हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया। याचिका में कहा गया कि सीबीआई द्वारा 21 अगस्त 2025 को दर्ज की गई एफआईआर और ईडी की कार्रवाई केवल घोटाले के छोटे हिस्से को कवर करती है और इसमें बैंक अधिकारियों और नियामकों की भूमिका की जांच नहीं की गई।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने तर्क दिया कि यह भारत के इतिहास का संभवतः सबसे बड़ा कॉर्पोरेट फ्रॉड हो सकता है। याचिका में आरोप लगाया गया कि आरकॉम और सहायक कंपनियों ने 2013 से 2017 के बीच एसबीआई की अगुवाई वाले बैंकों से 31,580 करोड़ रुपए का लोन प्राप्त किया।

एसबीआई के फोरेंसिक ऑडिट में बड़े पैमाने पर हेराफेरी और बंद किए गए खातों से लेनदेन की पुष्टि हुई। नेटिजन इंजीनियरिंग और कुंज बिहारी डेवलपर्स जैसी फर्जी संस्थाओं का इस्तेमाल धन की हेराफेरी और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया। फर्जी वरीयता-शेयर स्ट्रक्चर के जरिए 1,800 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान छुपाने का प्रयास किया गया।

याचिका में यह भी कहा गया कि एसबीआई ने अक्टूबर 2020 में प्रस्तुत फोरेंसिक ऑडिट पर कार्रवाई करने में लगभग पांच साल की देरी की, और अगस्त 2025 में शिकायत दर्ज की। याचिकाकर्ता ने इसे “संस्थागत मिलीभगत” बताया और तर्क दिया कि नेशनलाइज बैंकों के अधिकारी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत लोक सेवक माने जाते हैं, इसलिए उनके आचरण की भी जांच होनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर औपचारिक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए, अदालत ने कहा कि जांच अदालत की निगरानी में निष्पक्ष और व्यापक होनी चाहिए। यह मामला न केवल भारत के सबसे बड़े बैंकिंग फ्रॉड में से एक माना जा रहा है, बल्कि इससे बैंकिंग और कॉर्पोरेट गवर्नेंस पर भी सवाल उठ रहे हैं।