डिजिटल डेस्क- भारतीय शेयर बाजार में पिछले दो दिनों से जारी जोरदार रैली ने निवेशकों की संपत्ति में जबरदस्त इजाफा किया है। बुधवार को जहां निवेशकों ने करीब 4 लाख करोड़ रुपये की कमाई की थी, वहीं यह तेजी गुरुवार को भी जारी रही। बाजार खुलते ही सेंसेक्स 400 अंक से ज्यादा चढ़कर पहली बार 86,000 के पार निकल गया, जबकि निफ्टी 26,300 के ऊपर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। यह पिछले 14 महीनों में बाजार का सबसे मजबूत स्तर माना जा रहा है। सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से 16 शेयरों में बढ़त देखने को मिली, जबकि 14 में गिरावट रही। सबसे ज्यादा उछाल बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, लार्सन एंड टूब्रो, बजाज फिनसर्व और एशियन पेंट्स के शेयरों में दर्ज की गई, जो 0.8% से 1.5% तक चढ़े। दूसरी ओर, मिडकैप और स्मॉल-कैप इंडेक्स भी मजबूती के साथ खुले और दोनों में 0.1% की बढ़त देखी गई।
वैश्विक संकेतों से मिली मजबूती
भारतीय बाजारों की तेजी के पीछे ग्लोबल मार्केट्स का मजबूत प्रदर्शन एक अहम कारण रहा। गुरुवार को एशियाई बाजारों में व्यापक बढ़त देखी गई। जापान के बाहर MSCI का सबसे बड़ा एशिया-प्रशांत इंडेक्स 0.4% चढ़ा, जो वॉल स्ट्रीट की तेजी को फॉलो करता रहा और लगातार तीन हफ्ते की गिरावट को रोकने में सफल रहा। जापान का निक्केई और दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 1% से ज्यादा उछले। चीन में हालांकि रियल एस्टेट इंडेक्स CSI 300 में 1.5% की बड़ी गिरावट देखी गई, जो एक साल के निचले स्तर पर पहुंच गया। इसके बावजूद, व्यापक CSI 300 इंडेक्स में 0.4% की बढ़त दर्ज की गई। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में हल्की नरमी आई और यह 0.4% टूटकर $4,146.53 प्रति औंस पर आ गया। निवेशकों की उम्मीदें इस बात से भी मजबूत हुईं कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अगले महीने ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। थैंक्सगिविंग की छुट्टियों के कारण अमेरिकी बाजार बंद रहे, जिससे वैश्विक ट्रेडिंग वॉल्यूम कमजोर रहा, लेकिन सकारात्मक रुझान कायम रहा।
क्रूड ऑयल सस्ता, निवेशकों को राहत
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने भी भारतीय बाजारों को सपोर्ट किया। यूक्रेन-रूस युद्ध में संभावित युद्धविराम की उम्मीद के चलते ब्रेंट क्रूड 0.3% फिसलकर $62.92 प्रति बैरल पर आ गया। WTI क्रूड भी 0.4% टूटकर $58.44 प्रति बैरल पर पहुंच गया। क्रूड की घटती कीमतें मुद्रास्फीति पर दबाव कम कर सकती हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए राहत का संकेत देती हैं। भारतीय रुपया गुरुवार को डॉलर के मुकाबले 0.07% मजबूत होकर 89.2050 पर खुला। डॉलर इंडेक्स की कमजोरी और फेड द्वारा संभावित दर कटौती की उम्मीदों ने रुपये को मजबूती दी है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि रुपये की यह बढ़त लंबे समय तक टिक पाना आसान नहीं होगा।