KNEWS DESK, हालिया दिनों में भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। सेंसेक्स और निफ्टी कई अंक नीचे फिसलकर टूटे हैं।
शुक्रवार को सेंसेक्स में 4,147.67 अंकों की गिरावट आई। जबकि निफ्टी 1,201.45 अंकों तक टूट चुका है। इस गिरावट से निवेशकों को लगभग 16.68 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। पिछले सप्ताह की यह गिरावट जून 2022 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है और जानकारों का मानना है कि अगले चार दिन तक बाजार में और गिरावट जारी रह सकती है।
शेयर बाजार में गिरावट के प्रमुख कारण
ईरान-इजराइल टेंशन
ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव ने वैश्विक बाजारों को प्रभावित किया है। इजराइल की योजना ईरान की ऑयल फैसिलिटीज को निशाना बनाने की है, जबकि ईरान के राष्ट्रपति ने मुस्लिम देशों को एकजुट होने का आह्वान किया है। यदि यह संघर्ष बढ़ता है, तो इसका असर दुनिया के शेयर बाजारों पर पड़ेगा, जिसमें भारत भी शामिल है।
चीन की आर्थिक स्थिति
चीन के शेयर बाजारों में तेजी आने के बावजूद, इसकी आर्थिक स्थिति भारत के बाजार पर प्रभाव डाल सकती है। चीन की सरकार ने प्रॉपर्टी मार्केट को मजबूत करने के लिए बैंकों को 140 बिलियन डॉलर का इंसेंटिव दिया है। इसके चलते विदेशी निवेशकों का ध्यान चीन की ओर बढ़ रहा है, जो भारत के लिए चिंता का विषय बन सकता है।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली
विदेशी निवेशकों ने हाल ही में भारतीय शेयर बाजार से बड़ी मात्रा में बिकवाली की है। केवल शुक्रवार को, उन्होंने करीब 9,900 करोड़ रुपए निकाल लिए। पिछले सप्ताह में कुल 37,000 करोड़ रुपए से अधिक की बिकवाली हुई। अगर यह सिलसिला जारी रहा, तो इसका बाजार पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
आरबीआई की एमपीसी बैठक
आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक सोमवार से शुरू होने जा रही है। 9 अक्टूबर को ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया, तो यह लगातार 10वां मौका होगा जब आरबीआई ने पॉलिसी को फ्रीज रखा है। इससे निवेशकों के मन में असमंजस पैदा हो सकता है।
हरियाणा चुनाव के नतीजे
अगले हफ्ते हरियाणा विधानसभा चुनावों के नतीजे आएंगे। यदि बीजेपी को इस बार सफलता नहीं मिलती, तो इससे बाजार में गिरावट देखने को मिल सकती है। पिछले 10 वर्षों से हरियाणा में बीजेपी की सरकार है, और इस चुनाव के नतीजे राजनीतिक अस्थिरता का कारण बन सकते हैं।