KNEWS DESK- त्योहारों के सीजन में सोने की मांग बढ़ने के साथ-साथ इसकी कीमतों में लगातार तेजी देखी जा रही है। धनतेरस के मौके पर गोल्ड की चमक निवेशकों को खूब आकर्षित कर रही है। देश में सोने को एक बेहतर निवेश और सुरक्षित सेविंग ऑप्शन माना जाता है क्योंकि इसमें लंबे समय में अच्छा रिटर्न मिलता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सोने के अलावा एक ऐसा भी सरकारी निवेश विकल्प है, जिसने निवेशकों को पिछले आठ वर्षों में 338% का जबरदस्त रिटर्न दिया है?
यह विकल्प है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB), जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किया जाता है और जो सोने की कीमतों के साथ-साथ सालाना ब्याज भी देता है। खास बात यह है कि इस बॉन्ड में निवेशकों को फिजिकल गोल्ड रखने की जरूरत नहीं होती, लेकिन वे सोने की कीमतों से जुड़े रिटर्न का लाभ उठा सकते हैं।
2017 में जारी इस बॉन्ड की कीमत प्रति ग्राम 2,866 रुपये थी, और RBI ने इस इश्यू के लिए अंतिम रिडेम्पशन प्राइस 12,567 रुपये प्रति ग्राम तय किया है। इसका मतलब यह हुआ कि आठ सालों में निवेशकों को प्रति ग्राम 9,701 रुपये का टोटल प्रॉफिट हुआ, यानी 338% का रिटर्न। इसमें 2.5% सालाना ब्याज भुगतान शामिल नहीं है, जो निवेशकों को अतिरिक्त आय के रूप में मिला।
रिडेम्पशन प्राइस RBI ने इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन की ओर से अक्टूबर 2025 के लिए प्रकाशित 999 प्योरिटी गोल्ड की कीमतों के औसत से तय किया गया है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड न केवल सोने की कीमत को ट्रैक करते हैं, बल्कि ये निवेशकों को निश्चित ब्याज भी देते हैं, जिससे यह लॉन्ग-टर्म निवेश के लिए सुरक्षित और लाभकारी विकल्प बन जाते हैं। RBI की गाइडलाइंस के अनुसार, निवेशकों को इश्यू डेट से पांच साल बाद बॉन्ड बेचने का विकल्प मिलता है।
RBI की वेबसाइट पर दी गई FAQ के अनुसार, यदि सोने की कीमत बाजार में गिरती है तो निवेशकों को कैपिटल लॉस का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन वह केवल कीमतों पर आधारित होगा, क्योंकि उनके पास रखी गई यूनिट्स की संख्या निश्चित रहती है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में भारत में रहने वाले सभी योग्य व्यक्ति निवेश कर सकते हैं, जिनमें इंडिविजुअल्स, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF), ट्रस्ट, विश्वविद्यालय और चैरिटेबल संस्थाएं शामिल हैं। निवेशक अपनी रेजिडेंशियल स्टेटस बदलने पर भी बॉन्ड को मेच्योरिटी तक रख सकते हैं या प्रीमेच्योर रिडेम्पशन कर सकते हैं।