सिंगापुर बना भारत का नंबर 1 निवेशक देश, 7 सालों से एफडीआई में सबसे आगे

KNEWS DESK-  अगर आप सोचते हैं कि भारत में सबसे ज्यादा निवेश करने वाला देश रूस, अमेरिका, ब्रिटेन या जर्मनी होगा, तो आप गलत हैं। पिछले सात सालों से भारत में सबसे बड़ा निवेशक देश कोई और नहीं बल्कि सिंगापुर है। भारत को वित्त वर्ष 2024-25 में सिंगापुर से लगभग 15 अरब अमेरिकी डॉलर का विदेशी निवेश मिला, जो अमेरिका और जापान जैसे बड़े देशों से तीन से पांच गुना अधिक है।

सिंगापुर लगातार सात वर्षों से भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है। 2024-25 में सिंगापुर से भारत को कुल 14.94 अरब डॉलर का निवेश मिला, जो पिछले साल के 11.77 अरब डॉलर से लगभग 27% अधिक है। भारत को इस वित्त वर्ष में कुल 81.04 अरब डॉलर का एफडीआई प्राप्त हुआ, जो पिछले तीन सालों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इस कुल निवेश में सिंगापुर का योगदान लगभग 19% रहा। सिंगापुर से पहले भारत का सबसे बड़ा निवेशक देश मॉरीशस था, जिसने 2017-18 तक शीर्ष स्थान हासिल किया था। वित्त वर्ष 2024-25 में मॉरीशस से भारत को 8.34 अरब डॉलर का निवेश मिला।

इसके बाद अमेरिका (5.45 अरब डॉलर), नीदरलैंड (4.62 अरब डॉलर), यूएई (3.12 अरब डॉलर), जापान (2.47 अरब डॉलर), साइप्रस (1.2 अरब डॉलर), ब्रिटेन, जर्मनी और केमैन आइलैंड जैसे देश शामिल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सिंगापुर के मजबूत वैश्विक वित्तीय केंद्र होने, बेहतर द्विपक्षीय संबंध और वैश्विक निजी इक्विटी तथा उद्यम पूंजी निवेश का गेटवे होने के कारण भारत के लिए यह सबसे बड़ा एफडीआई स्रोत बना हुआ है। डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार के अनुसार, सिंगापुर का कानूनी ढांचा मजबूत है और यह एक कम कर वाला क्षेत्र है, जो इसे एशिया के लिए रणनीतिक वित्तीय गेटवे बनाता है। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच दोहरे कराधान से बचाव की संधि भी निवेश को प्रोत्साहित करती है।

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