SBI का बड़ा कदम: अब हर तीसरा कर्मचारी महिला होगी, बैंक ने तय किया 5 साल का लक्ष्य

KNEWS DESK- देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। बैंक ने घोषणा की है कि अगले 5 वर्षों में महिला कर्मचारियों की संख्या को 30% तक बढ़ाया जाएगा। वर्तमान में SBI में कुल 2.4 लाख से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं, जिनमें महिलाओं की हिस्सेदारी लगभग 27% है।

महिला कर्मचारियों के लिए बढ़े अवसर

SBI के उप प्रबंध निदेशक (HR) और मुख्य विकास अधिकारी किशोर कुमार पोलुडासु ने बताया कि बैंक का उद्देश्य न केवल महिला कर्मचारियों की संख्या बढ़ाना है, बल्कि उन्हें हर स्तर पर लीडरशिप की भूमिका में लाना भी है। उन्होंने कहा कि फ्रंटलाइन स्टाफ में महिलाओं की हिस्सेदारी पहले से ही करीब 33% है, लेकिन अब बैंक इस संख्या को पूरे संगठन में संतुलित करना चाहता है।

महिलाओं के लिए बेहतर कार्यस्थल

पोलुडासु ने बताया कि SBI महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और सुविधाजनक कार्य वातावरण तैयार करने पर फोकस कर रहा है। बैंक कामकाजी माताओं को क्रेच भत्ता, ‘फैमिली कनेक्ट प्रोग्राम’, और मैटरनिटी या लंबी छुट्टी से लौटने वाली महिला कर्मचारियों के लिए विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम प्रदान करता है। इन कदमों का मकसद है कि महिलाएं अपने करियर और परिवार के बीच बेहतर संतुलन बना सकें।

‘Empower Her’ पहल

महिलाओं को नेतृत्व की भूमिकाओं में आगे लाने के लिए SBI ने ‘एम्पावर हर’ (Empower Her) नाम की विशेष पहल शुरू की है। इसके तहत बैंक प्रतिभाशाली महिला कर्मचारियों की पहचान कर उन्हें मेंटोरशिप, कोचिंग और लीडरशिप ट्रेनिंग के माध्यम से उच्च पदों के लिए तैयार कर रहा है। देशभर में SBI की 340 से अधिक शाखाएं ऐसी हैं जहां सिर्फ महिलाएं काम करती हैं, और यह संख्या आने वाले समय में और बढ़ाई जाएगी।

समावेशिता और नवाचार की दिशा में

SBI अधिकारी के मुताबिक, बैंक हर स्तर पर समावेशिता और नवाचार को बढ़ावा दे रहा है। बैंक के पास IT विशेषज्ञों की टीम है जो डिजिटल सुरक्षा और बैंकिंग टेक्नोलॉजी में सुधार पर काम करती है। संपत्ति के मामले में SBI दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में शामिल है और इसे कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा ‘बेस्ट एम्प्लॉयर’ का खिताब भी मिल चुका है। SBI का यह कदम न केवल बैंकिंग सेक्टर में महिला भागीदारी बढ़ाने की दिशा में मिसाल बनेगा, बल्कि देश के अन्य संगठनों को भी जेंडर इक्विटी की राह पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा।