KNEWS DESK- रिजर्व बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा है। नए वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की पहली बैठक में ये फैसला लिया गया। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के मुताबिक एमपीसी उदार रुख को वापस लेने के फैसले पर कायम है। आरबीआई गवर्नर के मुताबिक एमपीसी ने 5:1 बहुमत से नीतिगत दर पर फैसला लिया। साथ ही उन्होंने कहा कि एमपीसी मुद्रास्फीति को आरबीआई के चार प्रतिशत के लक्ष्य के अनुरूप करने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहेगी।
रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का किया फैसला
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वृहद आर्थिक और वित्तीय घटनाक्रमों के विकास और आउटलुक के विस्तार से आकलन के बाद रिजर्व बैंक एमपीसी ने 5:1 के बहुमत से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला किया। नतीजतन, स्थायी जमा सुविधा यानी एसडीएफ दर 6.25 प्रतिशत पर बनी हुई है और सीमांत स्थायी सुविधा जो एमएसएफ है और बैंक दर 6.75 प्रतिशत पर बनी हुई है। एमपीसी ने छह में से पांच सदस्यों के बहुमत से समायोजन को वापस लेने पर फोकस करने का फैसला किया ताकि ये तय किया जा सके कि मुद्रास्फीति क्रमिक रूप से विकास के साथ लक्ष्य के अनुरूप रहे।
बता दें कि इस साल फरवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (सीपीआई) 5.1 प्रतिशत थी। सरकार ने आरबीआई को सीपीआई मुद्रास्फीति को दोनों तरफ दो प्रतिशत के मार्जिन के साथ चार प्रतिशत सुनिश्चित करने का अधिकार दिया है।