अरहर दाल की बढ़ती कीमतों से परेशान जनता के लिए राहत की खबर, सरकार ने बनाया ये प्लान, घटेंगे दाम

KNEWS DESK- दालों की बढ़ती महंगाई से आम जनता काफी परेशान है| अरहर दाल या तुअर दाल जिसे तूर दाल भी कहते हैं, इसकी खपत देश में सबसे ज्यादा होती है क्योंकि ये उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत में समान रूप से पसंद की जाती है| परेशानी वाली बात तो ये है कि बीते कुछ समय से इस दाल की कीमतों में 40 फीसदी से ज्यादा का उछाल देखा गया है| अब केंद्र सरकार इस बारे में जनता को राहत दिलाने के लिए ऐसा कदम उठाएगी, जिससे आने वाले समय में अरहर दाल के दामों में कमी देखने को मिलेगी|

जानकारी के अनुसार, इस महंगी दाल से लोगों को छुटकारा दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने फैसला लिया है- वो अपनी अरहर दाल की खरीद को बढ़ाएंगे| जानकारी के मुताबिक, एक सीनियर अधिकारी ने कहा है- केंद्र सरकार जल्द ही तुअर दाल की सरकारी खरीद को बढ़ाकर 8-10 लाख टन करने जा रही है| जबकि पहले सरकारी खरीद का टार्गेट इतना नहीं था| प्राइस स्टेबलाइजेशन फंड के तहत ये दाल खरीदारी मार्केट रेट पर की जाएगी, जिससे किसानों को ज्यादा दाल पैदा करने के लिए प्रोत्साहन मिल सकेगा| ये खरीदारी सीधा किसानों से होगी और NCCF के जरिए की जाएगी| जैसे ही खरीफ की फसल बाजार में आने लगेगी ये अतिरिक्त दाल खरीदारी की शुरुआत हो जायेगी|

अरहर दाल की महंगाई की वजह 

दरअसल, इस साल अरहर दाल की पैदावार में गिरावट देखी गई है| इस दाल का उत्पादन कम रहने का असर इसकी सप्लाई में कटौती की वजह बना है, जिसके चलते अरहर दाल के दाम आसमान पर पहुंच गये, क्योंकि मांग में तो कोई कमी नहीं आई| जो तूर दाल पिछले साल 110-112 रुपये प्रति किलो के दायरे में थी| वो इस साल 158 रुपये प्रति किलो के रेट पर जा पहुंची है और इसके पीछे दलहन उत्पादों की महंगाई में इजाफा भी बड़ा कारण है| अक्टूबर में मिनिस्ट्री ऑफ एग्रीकल्चर एंड फार्मर्स वैलफेयर ने अनुमान दिया था- इस साल अरहर दाल का उत्पादन 34.21 LMT रहेगा, यह पिछले साल की तुलना में थोड़ा कम है|

सरकार का ध्यान दालों की बढ़ती कीमत पर अभी ही नहीं गया है बल्कि इससे पहले भी सरकार दालों के दाम कंट्रोल रखने के लिए कदम उठा चुकी है| बता दें, सितंबर के आखिरी हफ्ते में केंद्र सरकार ने दालों की बढ़ती कीमतों पर ध्यान देते हुए अरहर और उरद दाल की स्टॉक लिमिट की अवधि को 30 अक्टूबर 2023 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2023 कर दिया था| सरकार ने स्टॉक होल्डिंग यूनिट्स के लिए स्टॉक रखने की लिमिट को कम किया था| स्टॉक लिमिट को घटाने-स्टॉक अवधि को बढ़ाने का फैसला जमाखोरी को रोकने और रिटेल कस्टमर्स को सही कीमत पर दाल मुहैया कराने के लिए लिया गया था|

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