KNEWS DESK – एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी का आलीशान घर ‘एंटीलिया’ एक बार फिर सुर्खियों में है। लेकिन इस बार चर्चा इस घर की कीमत या इसकी भव्यता को लेकर नहीं, बल्कि जमीन को लेकर है। सोशल मीडिया और सियासी गलियारों में एक दावा तेजी से फैल रहा है कि एंटीलिया वक्फ की जमीन पर बना है। ऐसे में सवाल उठता है — क्या यह सच है? और अगर हां, तो इसकी शुरुआत कहां से हुई?
क्या है पूरा मामला?
मुंबई के परेड रोड पर स्थित एंटीलिया को लेकर यह विवाद काफी पुराना है। बताया जाता है कि मुकेश अंबानी ने साल 2002 में वक्फ बोर्ड से करीब 21 करोड़ रुपये में लगभग साढ़े चार लाख स्क्वायर फीट जमीन खरीदी थी। यह सौदा उस वक्त महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन और सीईओ की मौजूदगी में हुआ था। लेकिन यह जमीन शुरू से ही विवादों में रही है।
मामला तब और गरमाया जब 2005 में इस डील को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड की ओर से दावा किया गया कि यह जमीन धर्मार्थ कार्यों, खासतौर पर धार्मिक शिक्षा और अनाथालय के लिए वक्फ की गई थी।
महाराष्ट्र विधानसभा में पेश की गई एक रिपोर्ट में इस डील पर सवाल उठाए गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, यह जमीन मूल रूप से 1986 में करीम भाई इब्राहिम नामक व्यक्ति ने वक्फ के तहत अनाथालय और धार्मिक शिक्षा केंद्र के लिए दान की थी, जिसे बाद में वक्फ बोर्ड ने निजी इस्तेमाल के लिए बेच दिया।
विधानसभा रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को किसी भी हालत में निजी उपयोग या व्यापारिक निर्माण के लिए बेचा नहीं जा सकता।
कोर्ट में मामला अब भी लंबित
यह मामला पिछले दो दशकों से अदालत में विचाराधीन है। हालांकि अभी तक कोई अंतिम फैसला सामने नहीं आया है। जब तक अदालत की ओर से कोई स्पष्ट निर्णय नहीं आ जाता, तब तक यह कहना मुश्किल है कि एंटीलिया वास्तव में वक्फ की जमीन पर बना है या नहीं।
इस विवाद के बीच यह जानना भी जरूरी है कि भारत में वक्फ संपत्तियों का क्या दायरा है। 1950 में वक्फ बोर्ड के पास लगभग 52,000 एकड़ जमीन थी। 2025 तक यह बढ़कर 9.4 लाख एकड़ हो चुकी है। इनमें से कई संपत्तियों को लेकर कोर्ट में विवाद चल रहा है।