KNEWS DESK- भारत में तेजी से बढ़ते फिनटेक सेक्टर को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 (Global Fintech Fest 2025) में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि भारत की फिनटेक कंपनियों ने पिछले कुछ वर्षों में इनोवेशन के जरिए नई ऊंचाइयां छुई हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि वे “सिर्फ इनोवेशन नहीं, बल्कि बिजनेस के मूल सिद्धांतों, भरोसे, सुरक्षा और समावेशन” पर भी बराबर फोकस करें।

सीतारमण ने फिनटेक उद्योग को चार मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी — बिजनेस के मूल सिद्धांत, भरोसा और सुरक्षा, रेगुलेटर के साथ सहयोग, और वित्तीय खामियों को दूर करने का प्रयास।
बिजनेस के मूल सिद्धांतों पर फोकस करें
वित्त मंत्री ने कहा कि फिनटेक कंपनियों को अब अपने रेवेन्यू ग्रोथ, प्रोडक्ट इनोवेशन, रिस्क मैनेजमेंट और कंप्लायंस जैसे बुनियादी तत्वों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे यह क्षेत्र परिपक्व होता जा रहा है, कंपनियों को न केवल नवाचार जारी रखना है, बल्कि बेहतर वित्तीय प्रदर्शन और नियामकीय मानकों को भी पूरा करना होगा। सीतारमण ने कहा —“जो कंपनियां इनोवेशन और बिजनेस की मूलभूत जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाकर चलती हैं, वही बदलते बाजार में लंबे समय तक टिकाऊ और भरोसेमंद रह सकती हैं।”
भरोसा, सुरक्षा और समावेशन पर ध्यान दें
वित्त मंत्री ने कहा कि डिजिटल फिनटेक इकोसिस्टम में साइबर सुरक्षा, डिजिटल फ्रॉड और गलत लोन प्रथाओं जैसी बड़ी चुनौतियां हैं। ऐसे में इस सेक्टर को ट्रस्ट (Trust), सेफ्टी (Safety) और इन्क्लूजन (Inclusion) पर गंभीरता से काम करना होगा। उन्होंने कहा कि लाखों नए लोग औपचारिक वित्तीय प्रणाली से जुड़ रहे हैं, इसलिए यह जरूरी है कि फिनटेक सेक्टर उनके भरोसे को बनाए रखे। सीतारमण ने यह भी कहा कि रेगुलेशन को समय के साथ विकसित होना चाहिए, ताकि फिनटेक क्रांति जिम्मेदार और टिकाऊ बने।
रेगुलेटर के साथ मिलकर काम करें
फिनटेक कंपनियों से अपील करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि वे नियामकों (Regulators) के साथ सहयोग करें, अपने उपभोक्ताओं की जरूरतों को समझें और जिम्मेदारी के साथ प्रयोग करें। उन्होंने कहा —“रेगुलेशन कोई रुकावट नहीं है, बल्कि यह सुरक्षित रफ्तार के लिए सीट बेल्ट की तरह है।” सीतारमण ने बताया कि सरकार और आरबीआई (RBI) ने मिलकर एक जिम्मेदार और लचीला ढांचा तैयार किया है, जो कंपनियों को नियंत्रित माहौल में नई चीजें आजमाने की आजादी देता है।
वित्तीय व्यवस्था की खामियों को दूर करें
सीतारमण ने फिनटेक कंपनियों से आग्रह किया कि वे भारत की वित्तीय प्रणाली में मौजूद छोटी-छोटी खामियों को भरने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि इस सेक्टर को अपनी टेक्नोलॉजी और क्रिएटिविटी का उपयोग करते हुए—MSME सेक्टर के लिए क्रेडिट एक्सेस आसान करना,महिलाओं और युवाओं के लिए वित्तीय समावेशन बढ़ाना, और टिकाऊ विकास (Sustainability) को प्रोत्साहित करने वाले प्रोडक्ट तैयार करने चाहिए।
फिनटेक सेक्टर भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन चुका है, लेकिन वित्त मंत्री के मुताबिक अब इसका अगला चरण “जिम्मेदार इनोवेशन” का होना चाहिए। सीतारमण ने स्पष्ट किया कि आने वाले समय में जो कंपनियां भरोसा, पारदर्शिता और समावेशन को अपनी रणनीति का हिस्सा बनाएंगी, वही भारत की वित्तीय क्रांति की असली वाहक बनेंगी।