EPFO का बड़ा फैसला, बेरोजगारों को झटका, PF निकालने के नियम हुए सख्त

KNEWS DESK- कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने करोड़ों सदस्यों के लिए कुछ नए नियम लागू किए हैं, जिनमें कुछ राहतें हैं, तो कुछ शर्तें नौकरी गंवा चुके लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं। श्रम मंत्री मंसुख मंडाविया की अध्यक्षता में हुई सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में इन बदलावों को मंजूरी दी गई।

अब यदि किसी कर्मचारी को बीमारी, बच्चों की शिक्षा, शादी या घर खरीदने जैसे कारणों से PF से आंशिक निकासी करनी है, तो केवल 12 महीने की सेवा पूरी करना ही काफी होगा। पहले इन जरूरतों के लिए अलग-अलग समय सीमा होती थी – जैसे घर खरीदने के लिए 5 साल की नौकरी जरूरी थी। EPFO ने इन सभी शर्तों को सरल कर दिया है।

एक नया नियम यह जोड़ा गया है कि PF खाते में जमा आपकी अपनी राशि का 25% हिस्सा हमेशा फंड में सुरक्षित रहेगा यानी अब आप चाहें तो भी अपनी पूरी PF राशि नहीं निकाल पाएंगे। EPFO का मानना है कि इससे सदस्यों को ब्याज लाभ मिलता रहेगा और रिटायरमेंट के लिए एक न्यूनतम बचत सुरक्षित रहेगी।

सबसे बड़ा बदलाव उन लोगों के लिए है जो नौकरी से हाथ धो बैठे हैं। पहले PF की पूर्ण निकासी बेरोजगारी के 2 महीने बाद की जा सकती थी, अब यह समय बढ़ाकर 12 महीने कर दिया गया है।

इसी तरह, पेंशन राशि की निकासी के लिए अब 36 महीने यानी पूरे 3 साल का इंतजार करना होगा, जबकि पहले यह अवधि सिर्फ 2 महीने थी।

EPFO अब अपने सभी दावों को ऑनलाइन और कागज-रहित बनाने की दिशा में काम कर रहा है। ‘विश्वास योजना’ की शुरुआत की गई है ताकि PF जमा में देरी से जुड़े विवादों को कम किया जा सके। पेंशनधारकों को अब घर बैठे डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा कराने की सुविधा दी गई है, जिससे उन्हें ऑफिस के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।