KNEWS DESK- दिल्ली, मुंबई, लखनऊ या इंदौर, शाम होते ही सड़कों पर सजी चाट, टिक्की और पकौड़ों की खुशबू अब शायद थोड़ी महंगी पड़ने वाली है। केंद्र सरकार ने इन लोकप्रिय स्ट्रीट फूड्स की सबसे अहम सामग्री पीली मटर (Yellow Peas) के आयात पर 30% आयात शुल्क लगाने का फैसला किया है। नया नियम 1 नवंबर 2025 से लागू होगा।
अब तक पीली मटर पर कोई आयात शुल्क नहीं लगता था, लेकिन सरकार ने अचानक इस पर 10% बेसिक कस्टम ड्यूटी और 20% कृषि अवसंरचना व विकास उपकर (AIDC) जोड़कर कुल 30% टैक्स लगाने का फैसला किया है।
राजस्व विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिन खेपों का बिल ऑफ लैडिंग 31 अक्टूबर या उससे पहले का है, वे अभी भी शून्य शुल्क पर आयात की जा सकेंगी। लेकिन 1 नवंबर या उसके बाद के बिल वाले सभी आयात पर नया टैक्स लागू होगा।
भारत में पीली मटर को दलहनों की श्रेणी में रखा जाता है और इसे चना या छोले के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। चाट, टिक्की, समोसे और पकौड़ों के भराव में इसका खूब उपयोग होता है।
देश में इसका उत्पादन बेहद सीमित है-
साल 2024 में कुल दलहन उत्पादन- 2.45 करोड़ टन
इनमें पीली मटर का उत्पादन- 12–15 लाख टन
देश की कुल खपत- करीब 2.7 करोड़ टन
यानी भारत को हर साल लगभग 25 लाख टन दाल आयात करनी पड़ती है।
भारत अपनी जरूरत की ज्यादातर पीली मटर कनाडा और रूस से आयात करता है। वित्त वर्ष 2023–24 में भारत ने लगभग 20 लाख टन मटर का आयात किया था, जो पिछले साल 30 लाख टन तक पहुंच गया।
आयात में पीली मटर की हिस्सेदारी लगभग 30% रही है। अब इस पर 30% शुल्क लगने से व्यापारियों और खुदरा बाजार पर सीधा असर पड़ना तय है।
सरकार ने इसी साल मई में पीली मटर के शुल्क-मुक्त आयात की अनुमति मार्च 2026 तक दी थी, लेकिन अब पांच महीने पहले ही इस फैसले को बदल दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, यह कदम घरेलू दलहन उत्पादकों को संरक्षण देने और आयात निर्भरता घटाने के लिए उठाया गया है।