KNEWS DESK- चावल का सबसे ज्यादा निर्यात करने वाला देश भारत है। केंद्र की मोदी सरकार ने गैर-बासमती चावल के बाद अब तेल रहित चावल की भूसी पर भी बैन लगाने का फैसला किया है। सरकार ने यह रोक 30 नवंबर, 2023 तक के लिए लगाया है। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) के द्वारा शुक्रवार को जारी किए गए नोटिफिकेशन में इसकी जानकारी दी गई है।
भारत विश्व में तेल रहित चावल की भूसी का निर्यात करने वाला बड़ा देश है। भारत हर साल 10 लाख टन से अधिक चारे को विदेशों में निर्यात करता है। ऐसे में सरकार के इस फैसले का असर दुनियाभर पर पड़ेगा। तेल रहित चावल की भूसी का इस्तेमाल आमतौर पर जानवरों के चारे के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल शराब बनाने के लिए और कई बीमारियों की दवाई जैसे कोलेस्ट्रॉल,दिल, मोटापे, उच्च रक्तचाप आदि के इलाज के लिए किया जाता है।
इससे पहले सरकार ने 20 जुलाई को गैर बासमती चावल को लेकर बड़ा फैसला लेते हुए इसके निर्यात पर बैन लगा दिया था। सरकार ने यह फैसला देश में खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए किया था। ध्यान देने वाली बात ये है कि सरकार ने सरकारी जरिए से चावल के एक्सपोर्ट पर बैन नहीं लगाया है। ऐसे में आने वाले वक्त में अलग-अलग देश भारत सरकार से गैर-बासमती चावल की खरीद के लिए सीधे सौदा कर सकते हैं। भारत से निर्यात होने वाले चावलों का 25 फीसदी हिस्सा सफेद गैर बासमती चावल का है। इस साल विश्व भर में चावल की पैदावार कम हुई है। ऐसे में केंद्र सरकार देश में चावल की उपलब्धता को सुनिश्चित करने और घरेलू मार्केट में चावल के दाम को कंट्रोल करने के लिए यह कदम उठाया है।