KNEWS DESK- अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग्स (AAR) ने 12 फीसदी जीएसटी (GST) लगाने का आदेश दिया है। ऐसे में इन जगहों पर रहने वाले लोगों को अब ज्यादा शुल्क देना होगा। दरअसल,, AAR ने कहा कि कोई रेजिडेंशियल फ्लैट या मकान और हॉस्टल और पीजी एक समान नहीं होते हैं।
हॉस्टल और पीजी जैसी कमर्शियल जगहों पर 12 फीसदी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) देना अनिवार्य है। उन्हें जीएसटी से छूट नहीं मिलनी चाहिए और ऐसे में आपको अब पीजी और हॉस्टल के किराये के लिए ज्यादा शुल्क देना होगा। इसके साथ ही पीठ ने कहा कि रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी और पीजी, हॉस्टल समान नहीं होते हैं। ऐसे में दोनों पर एक ही नियम लागू नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही इस फैसले में यह भी कहा गया है कि अगर कोई रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में गेस्ट हाउस की तरह इस्तेमाल करता है तो उसे जीएसटी के दायरे में शामिल नहीं किया जाएगा। इस फैसले से उन छात्रों और नौकरीपेशा लोगों पर बोझ बढ़ेगा जो पीजी या हॉस्टल में रहते हैं।
बेंगलुरु के अलावा नोएडा के वीएस इंस्टीट्यूट एंड हॉस्टल प्राइवेट लिमिटेड के आवेदन पर लखनऊ पीठ पर कहा है कि 1,000 रुपये से कम कीमत के हॉस्टल पर जीएसटी लागू होगा। यह नियम 18 जुलाई 2022 से एप्लीकेबल है। इस फैसले से उन छात्रों और नौकरीपेशा लोगों पर बोझ बढ़ेगा जो पीजी या हॉस्टल में रहते हैं।