हिंदू रीति-रिवाज से क्यों हुआ जरीन खान का अंतिम संस्कार? जानें क्या थी खास वजह

KNEWS DESK – बॉलीवुड एक्टर और फिल्मकार संजय खान की पत्नी, जायद खान और सुजैन खान की मां, जरीन खान का 7 नवंबर को निधन हो गया। लंबे समय तक फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े रहने वाली जरीन खान ने हमेशा अपनी शालीनता और पारिवारिक जिम्मेदारियों के प्रति समर्पण के लिए सभी का दिल जीता।

जरीन खान का अंतिम संस्कार उनके जन्मजात धर्म के अनुसार हिंदू रीति-रिवाज से शुक्रवार, 8 नवंबर को जुहू श्मशान घाट में किया गया। इस दौरान उनके बेटे जायद खान ने आंसू रोकते हुए चिता को अग्नि दी। संजय खान और सुजैन खान सहित परिवार के अन्य सदस्य भी अंतिम संस्कार में मौजूद रहे।

इस मौके पर बॉलीवुड के कई दोस्त और सहयोगी जरीन को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इस सूची में ऋतिक रोशन, सबा आजाद, काजोल, रानी मुखर्जी, जैकी श्रॉफ और बॉबी देओल शामिल थे। ऋतिक रोशन इस कठिन समय में सुजैन के साथ खड़े नजर आए और दोनों ने परिवार के दुख को साझा किया।

जरीन खान ने कभी अपना धर्म नहीं बदला। उनका जन्म हिंदू परिवार में हुआ था और शादी के बाद भी उन्होंने इस्लाम अपनाया नहीं। उनके असली नाम Zarine Katrak था। जरीन ने अपने बच्चों की परवरिश दोनों धर्मों के सांस्कृतिक मिश्रण में की और अपनी अंतिम इच्छा के अनुसार दाह-संस्कार हिंदू रीति से करना चाहा।

जायद खान ने अपनी मां की इच्छा का सम्मान करते हुए हिंदू परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार की रस्में पूरी कीं। जरीन खान का निधन उनके परिवार और बॉलीवुड के लिए एक गहरी व्यक्तिगत क्षति है, लेकिन उनके जीवन और मूल्यों की याद हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेगी।