गायिका शारदा राजन का कैंसर से निधन, तितली उड़ी गाने से बनाई थी पहचान

KNEWS DESK-  फिल्म इंडस्ट्री से अब एक और सितारा गुम हो गया है| रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपने जमाने की मशहूर सिंगर और म्यूजिक कंपोजर शारदा राजन आयंगर का निधन हो गया है| उन्होंने 86 साल की उम्र में आखिरी सांस ली| राजन लंबे समय से कैंसर की बीमारी से जूझ रही थीं| शारदा राजन को उनके गाने ‘तितली उड़ी’ के लिए जाना जाता है| इसके अलावा उन्होंने बॉलीवुड की बड़ी-बड़ी एक्ट्रेसेस को अपनी आवाज दी थी|

 

गायिका का जन्म 25 जून 1945 में तमिलनाडु में हुआ था। उनका जन्म एक तमिल परिवार में हुआ था पर उन्हें तमिल गाने भी सुनने की इजाजत नहीं थी लेकिन शारदा  रेडियो पर प्रसारित हिंदी गाने  बहुत अच्छे लगते थे। गायिका उन्हें तमिल में लिख लेती थीं और अकेले में गुनगुनाया करती थीं। इस तरह हिंदी गानों को लेकर उनकी दीवानगी बढ़ती गई।  जब उनका परिवार तेहरान चला गया। वहां अक्सर  पार्टियों में भारतीय गीत गाती थीं| जिस पार्टी में  राज कपूर आए थे, उसमें शारदा को गीत गाने के लिए आमंत्रित किया गया। राज कपूर को शारदा का गाना बहुत पसंद आया और उन्होंने शारदा को मुंबई आकर उनसे मिलने को कहा |

मुंबई जाकर शारदा  राज कपूर से मिलीं, जिसके बाद राज ने उनकी मुलाकात शंकर जयकिशन से करवाई, जिन्होंने उनके लिए गानों की ट्रेनिंग की व्यवस्था की। शारदा  ने गुरु जगन्नाथ प्रसाद और मुकेश से संगीत की तालीम ली फिर उन्होंने ‘तितली उड़ी’ गाना गया, जिस पर उन्हें बहुत उपलब्धियां मिली |गीत 1966 का लोकप्रिय गीतों में से एक हुआ और  स्पेशल अवार्ड भी मिला। इसके बाद उन्होंने  ‘गुमनाम’, ‘अराउंड द वर्ल्ड’, ‘शतरंज’ जैसी फिल्मों में गीत गए। महज 20 गीत गाने के बाद शारदा ने  फिल्म ‘जहां प्यार मिले’ के गीत ‘बात जरा है आपस की’ गया जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर अवाॅर्ड मिला।

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