KNEWS DESK – बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने हाल ही में फिल्म इंडस्ट्री की वर्तमान स्थिति को लेकर गंभीर चिंता जताई है। सिन्हा का कहना है कि बॉलीवुड आज उस स्थिति में है जैसे किसी ने उसे ‘सौतेले बच्चे’ की तरह नजरअंदाज कर दिया हो।
पहलाज निहलानी की बात से समर्थन
शत्रुघ्न सिन्हा ने यह टिप्पणी पहले फिल्म निर्माता और उनके बहनोई पहलाज निहलानी द्वारा कही गई बात का समर्थन करते हुए की। सिन्हा ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री आज अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। उन्होंने याद किया कि कुछ साल पहले उन्होंने और पहलाज निहलानी ने मिलकर इंडस्ट्री को उसका सही दर्जा दिलवाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने बताया, “पहलाज जी मुझसे रोज मिलते थे। हम फिल्म इंडस्ट्री की हालत को लेकर चिंतित थे। तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के पास गए, जिन्होंने बाद में सुषमा स्वराज को बुलाकर हमारी बात समझाई थी।”
फिल्म इंडस्ट्री के मुश्किल दिन
सिन्हा ने कहा कि आज केवल बड़े सितारों को उनके काम के लिए बुलाया जाता है, लेकिन फिल्म के पीछे काम करने वाले तकनीशियनों और अन्य कर्मचारियों की हालत पर कोई ध्यान नहीं देता। उन्होंने बताया कि टिकटों और थिएटर की महंगाई इतनी बढ़ गई है कि आम दर्शक सिनेमा जाना मुश्किल समझते हैं। सिन्हा ने कहा, “फिल्म इंडस्ट्री एक उपेक्षित बच्चे जैसी हो गई है। मैं पहलाज जी से सौ प्रतिशत सहमत हूं।”
स्टार पावर का संकट
शत्रुघ्न सिन्हा ने हिंदी फिल्मों के लगातार फ्लॉप होने का जिक्र करते हुए कहा कि साउथ इंडियन सिनेमा की सफलता से खुश होने के बावजूद, हिंदी फिल्मों की स्थिति चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में केवल कुछ ही फिल्में सफल रही हैं। इसका सीधा असर निर्माताओं, तकनीशियनों और अन्य कर्मचारियों की फीस पर पड़ा है। सिन्हा के अनुसार, जिन सितारों ने पहले अधिक फीस की मांग की थी, अब उन्हें अपनी फीस कम करनी पड़ रही है और स्टार पावर लगभग खत्म हो चुकी है।
सिन्हा का कहना है कि इस स्थिति के लिए सरकार, समाज और खुद फिल्म इंडस्ट्री सभी जिम्मेदार हैं। उन्होंने बताया कि बड़े सितारों वाले टीवी शो की टीआरपी में गिरावट भी दर्शाती है कि दर्शक अब केवल स्टार्स के नाम पर आकर्षित नहीं होते। इसका नतीजा यह हुआ कि तकनीशियनों और अन्य कलाकारों की फीस में भारी कमी आई है।