KNEWS DESK – मशहूर स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को ‘गद्दार’ कहने के बाद उनके खिलाफ विरोध तेज हो गया है। इस मामले में शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता राहुल कनाल ने खार पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई और अब उन्होंने कामरा के यूट्यूब चैनल को बंद करने और डिमोनेटाइज करने की मांग उठाई है।
यूट्यूब चैनल बंद करने की मांग
राहुल कनाल, जिन्हें हाल ही में द हैबिटेट स्टूडियो में तोड़फोड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, उन्होंने गुरुवार को मुंबई पुलिस के सामने कामरा के चैनल को डिमोनेटाइज करने की आधिकारिक मांग रखी। उनका कहना है कि कुणाल कामरा अपने यूट्यूब चैनल का इस्तेमाल बड़े राजनेताओं के खिलाफ बयान देने के लिए करते हैं।
https://x.com/RahoolNKanal/status/1905128524484129193
‘आतंकवादी फंडिंग’ के गंभीर आरोप
राहुल कनाल ने कॉमेडियन कुणाल कामरा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (भारत) को कुछ लोग पचा नहीं पा रहे हैं। कुणाल कामरा एक कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं और उन्हें आतंकवादी संगठनों से फंडिंग मिल रही है। वे देश और राज्य की अखंडता व कानून व्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं। राहुल कनाल ने पुलिस के साथ-साथ यूट्यूब के ऑफिस में भी शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने कामरा के चैनल को पूरी तरह बंद करने की मांग की है।
https://x.com/RahoolNKanal/status/1905126721327902863
इसके अलावा, नेता राहुल कनाल ने मुंबई पुलिस से अनुरोध किया है कि कुणाल कामरा के सभी वित्तीय लेन-देन पर रोक लगाई जाए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कामरा को कनाडाई बैंक अकाउंट्स से पैसे ट्रांसफर हो रहे हैं, जिसे उन्होंने खालिस्तानी फंडिंग करार दिया है।
इस पूरे मामले पर अभी तक कुणाल कामरा का आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, उन्होंने इससे पहले साफ कर दिया था कि वह माफी नहीं मांगेंगे और अपने स्टैंड-अप कंटेंट को जारी रखेंगे।
सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी
कुणाल कामरा के विवादित बयान और उनके खिलाफ उठाए गए एक्शन को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर बहस हो रही है। एक यूजर ने लिखा, कॉमेडी और अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर नफरत फैलाना गलत है। दूसरे यूजर ने सवाल उठाया, अगर कोई सरकार की आलोचना करता है, तो क्या उसे देशद्रोही कह देना सही है? एक और यूजर ने लिखा, “कुणाल कामरा ने अगर कुछ गलत किया है, तो कानून को तय करने दो, नेताओं को नहीं।”