बॉब ब्लैकमैन ने कहा कि ‘इमरजेंसी’ को लेकर हुई धमकी और डराने की घटनाओं ने फिल्म देखने गए दर्शकों को बेहद परेशान किया। उनका आरोप है कि इन धमकियों के पीछे खालिस्तान समर्थक तत्व थे, जिन्होंने लंदन के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में फिल्म देखने आए लोगों को धमकाया। यह घटना न केवल लंदन, बल्कि बर्मिंघम, स्लो, वॉल्वरहैम्प्टन, मैनचेस्टर और स्टेन्स जैसे शहरों में भी सामने आई है।
ब्लैकमैन ने हाउस ऑफ कॉमन्स में इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए कहा कि फिल्म को लेकर हो रहे विवाद और धमकी के मामले गंभीर हैं। उन्होंने यह भी बताया कि फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान कुछ लोग सिनेमाघरों में घुस आए थे और दर्शकों को डराया-धमकाया था। इसके बाद, सिनेमाघर चेन ‘व्यू’ और ‘सिनेवर्ल्ड’ ने ब्रिटेन के कई सिनेमाघरों से फिल्म को हटाने का फैसला लिया।
पंजाब में भी हुआ था विरोध
इसी तरह का विरोध भारत में भी देखा गया था, खासकर पंजाब में। कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’, जो 1975-77 के दौरान भारत में लागू इमरजेंसी पर आधारित है, को पंजाब में भी विरोध का सामना करना पड़ा। कंगना ने इस विरोध को कला और कलाकार का उत्पीड़न बताया था। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा कि पंजाब के कई शहरों से रिपोर्ट आ रही हैं, जहां फिल्म को प्रदर्शित नहीं होने दिया जा रहा है। उन्होंने इसे झूठा दुष्प्रचार और उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने की साजिश करार दिया।
कंगना ने आगे लिखा, “मैं सभी धर्मों का बहुत सम्मान करती हूं और चंडीगढ़ में पढ़ने और पले-बढ़े होने के कारण मैंने सिख धर्म को बहुत करीब से देखा और उसका पालन किया है। यह पूरी तरह से झूठ है और मेरी छवि को खराब करने के लिए इसे फैलाया जा रहा है।”
‘इमरजेंसी’ फिल्म का कंटेंट और विवाद
कंगना रनौत ने इस फिल्म को निर्देशित किया है और इसमें उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है। फिल्म में उस समय की राजनीतिक स्थिति और इमरजेंसी के दौरान देश में हुए घटनाक्रमों को दर्शाया गया है। हालांकि, फिल्म की रिलीज के बाद से ही इसके कंटेंट को लेकर विवाद उठने लगे थे, खासकर उन लोगों के लिए यह एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है जो इमरजेंसी के दौरान प्रभावित हुए थे।
कंगना की इस फिल्म का विरोध केवल भारत में नहीं बल्कि विदेशों में भी हो रहा है, जिससे यह साफ है कि फिल्म का विषय व्यापक रूप से चर्चा और विवाद का कारण बन चुका है। अब यह देखना होगा कि ब्रिटेन में इसका विरोध और फिल्म पर लगाए गए प्रतिबंध आगे किस दिशा में बढ़ते हैं।