KNEWS DESK – भारत की सबसे प्रतिष्ठित सौंदर्य प्रतियोगिता, फेमिना मिस इंडिया 2024 का ताज इस बार मध्य प्रदेश के उज्जैन की रहने वाली निकिता पोरवाल ने अपने नाम कर लिया है। इस गौरवशाली खिताब के साथ निकिता अब मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। निकिता को यह ताज फेमिना मिस इंडिया 2023 की विजेता नंदिनी गुप्ता ने पहनाया। इस भव्य आयोजन का आयोजन मुंबई के वर्ली में किया गया था, जिसमें देशभर से कई बड़े सेलिब्रिटीज और फैशन आइकॉन शामिल हुए।
निकिता पोरवाल: उज्जैन की बेटी का सफर
निकिता पोरवाल उज्जैन जिले से आती हैं और वह पेट्रो-केमिकल व्यवसायी अशोक पोरवाल की बेटी हैं। निकिता ने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई बैचलर ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स में पूरी की है, जिसमें उन्होंने विशेष रूप से ड्रामा में विशेषज्ञता हासिल की है। पढ़ाई के साथ-साथ निकिता को पेंटिंग, लेखन और फिल्में देखने का भी गहरा शौक है। निकिता के पिता अशोक पोरवाल ने बताया कि इस साल की फेमिना मिस इंडिया प्रतियोगिता में 30 राज्यों के विजेताओं ने भाग लिया था, लेकिन निकिता ने अपनी प्रतिभा और आत्मविश्वास से सभी को प्रभावित करते हुए यह खिताब जीत लिया।
फिल्मों और लेखन की दुनिया में कदम
18 साल की उम्र में ही निकिता ने अपने करियर की शुरुआत एक टीवी शो की होस्ट के रूप में कर दी थी। इसके अलावा, निकिता ने कई नेशनल और इंटरनेशनल मंचों पर ड्रामा प्ले भी किया है। उन्होंने कई स्टेज शोज के लिए स्क्रिप्ट लिखी है, जिसमें 250 पन्नों की ‘कृष्ण लीला’ प्रमुख है। निकिता के पास एक लेखक और अभिनेत्री के रूप में भी मजबूत पहचान है। उनकी आगामी फिल्म चंबल पार जल्द ही इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित होने वाली है, जिसका ट्रेलर भी हाल ही में रिलीज किया गया है।
निकिता की पर्सनल लाइफ और सोशल मीडिया
हालांकि निकिता सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव नहीं रहतीं, लेकिन उनकी प्रतिभा ने उन्हें एक खास पहचान दिलाई है। इंस्टाग्राम पर उनके सिर्फ 5,000 फॉलोअर्स हैं, लेकिन फेमिना मिस इंडिया 2024 का खिताब जीतने के बाद निकिता रातों-रात देशभर की धड़कन बन गई हैं। लोग अब उनकी साधारण परवरिश और कड़ी मेहनत की सराहना कर रहे हैं।
देशभर में उज्जैन का मान बढ़ाया
निकिता पोरवाल की इस जीत ने न केवल उन्हें एक नई पहचान दिलाई, बल्कि उनके गृह नगर उज्जैन का भी मान बढ़ाया है। फेमिना मिस इंडिया 2024 का खिताब जीतकर उन्होंने साबित किया कि छोटे शहरों के सपने भी बड़े होते हैं और सही दिशा में की गई मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती।