KNEWS DESK – मशहूर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर, जो अपनी बेहतरीन लेखनी के लिए जाने जाते हैं, हाल ही में अपने एक बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। जावेद अख्तर का बेबाक अंदाज हमेशा से ही चर्चा का विषय रहा है, और इस बार उन्होंने शादी और रिश्तों पर अपनी राय रखकर सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है।
शादी को बताया “बेकार की परंपरा”
बरखा दत्त के मोजो स्टोरी शो में बातचीत के दौरान जावेद अख्तर ने शादी और रिश्तों के बारे में खुलकर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, “शादी-विवाह बेकार की चीज है। यह एक बहुत पुरानी परंपरा है, जिसे सदियों से पहाड़ों से नीचे ढकेला जा रहा है। इस प्रक्रिया में इसने बहुत सारा कचरा, गंदगी और फालतू चीजें अपने साथ जोड़ ली हैं।” उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर नई बहस छेड़ दी। कुछ लोगों ने उनके विचारों का समर्थन किया, तो वहीं, कई लोग उन्हें ट्रोल करने से भी नहीं चूके।
शबाना आजमी के साथ दोस्ती पर जोर
जावेद अख्तर ने अपनी पत्नी और प्रसिद्ध अदाकारा शबाना आजमी के साथ अपने रिश्ते के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि उनकी शादी आसान नहीं थी, लेकिन उनकी दोस्ती ने इस रिश्ते को मजबूत बनाया। “एक अच्छी शादी की नींव दोस्ती पर टिकी होती है। अगर आप दोस्त हैं, तभी शादी लंबे समय तक चल सकती है।” उन्होंने बताया कि उनके लिए शादी का मतलब केवल एक लेबल नहीं, बल्कि आपसी समझ, सम्मान और दोस्ती का रिश्ता है।
रिश्तों में आपसी सम्मान और स्वतंत्रता जरूरी
जावेद अख्तर ने रिश्तों को परिभाषित करते हुए कहा कि किसी भी रिश्ते का आधार केवल प्यार नहीं है, बल्कि आपसी सम्मान और स्वतंत्रता भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, “पति-पत्नी जैसे शब्दों के अलग-अलग मायने हो सकते हैं। असल में, यह दो लोगों के बीच सम्मान, विचारों का मेल और एक-दूसरे को स्पेस देने का सवाल है।” उन्होंने यह भी कहा कि रिश्ते में दोनों को अपने सपनों और इच्छाओं का सम्मान देना चाहिए। खासतौर पर, उन्होंने कहा कि एक स्वतंत्र महिला के साथ रहना आसान नहीं होता, लेकिन यह सम्मान और समझ के जरिए ही सफल हो सकता है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
जावेद अख्तर के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं। जहां कुछ लोगों ने उनकी सोच को प्रगतिशील और आधुनिक बताया, वहीं कुछ ने उनकी राय को पुराने विचारों के खिलाफ बताया। एक यूजर ने लिखा, “जावेद साहब ने सही कहा, शादी एक परंपरा है, लेकिन इसके असली मायने आपसी समझ और दोस्ती में हैं।” वहीं, एक अन्य यूजर ने कहा, “शादी को बेकार कहना गलत है। यह सिर्फ एक व्यक्ति का नजरिया हो सकता है, लेकिन हर किसी के लिए यह सटीक नहीं।”
जावेद अख्तर के विचारों की झलक
जावेद अख्तर हमेशा अपने विचारों के लिए जाने जाते हैं, जो अक्सर समाज की पारंपरिक सोच को चुनौती देते हैं। उनका यह बयान भी पारंपरिक शादी और रिश्तों को एक नई दृष्टि से देखने का मौका देता है|