KNEWS DESK : सबसे पहला एकेडमी अवार्ड्स समारोह हॉलीवुड रूजवेल्टू होटल में हुआ था. 16 मई 1929 को होटल के ब्लॉसम रूम हुए डिनर में 270 लोग शामिल हुए थे. ये एक पेड इवेंट था जिसका टिकट 5 डॉलर का था
इस समय हर ओर 95वें ऑस्कर अवॉर्ड की चर्चा हो रही है. भारतवासियों की नजरें भी ऑस्कर अवॉर्ड पर टिकी हुई हैं. इस साल का ऑस्कर अवॉर्ड बेहद खास होने वाला है. एस एस राजामौली की ‘आर आर आर’ (RRR) का ‘नाटू नाटू’ गाना बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग कैटेगरी में नॉमिनेट हुआ. अवॉर्ड फंक्शन की पूरी तैयारियां हो चुकी हैं. बस देर इसके अनाउंसमेंट की है. ऑस्कर अवॉर्ड हिंदुस्तान की झोली में आएगा या नहीं, इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा. पर उससे पहले इसके इतिहास पर नजर डालते हैं.
ऑस्कर अकादमी पुरस्कार जिसे ऑस्कर अवॉर्ड्स के नाम से भी जाना जाता है, ये फिल्म जगत का सबसे बड़ा अवॉर्ड है. इसे अमेरिका की एकेडमी ऑफ़ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेस फिल्म निर्देशकों, एक्टर, राइटर जैसे फिल्म जगत से जुड़े प्रोफेशनल्स को उनके बेहतरीन काम को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है.
सबसे पहला एकेडमी अवार्ड्स समारोह हॉलीवुड रूजवेल्टू होटल में हुआ था. 16 मई 1929 को होटल के ब्लॉसम रूम हुए डिनर में 270 लोग शामिल हुए थे. ये एक पेड इवेंट ता जिसके टिकट की कीमत 5 डॉलर थी . आपको बता दें 1929 में दिये गए ये अवॉर्ड 1927-1928 तक बनी फिल्मों से जुड़े 15 लोगों को दिए गए थे. एक और हैरान करने वाली बात ये है कि आज जिस तरह का क्रेज दुनियाभर की मीडिया में इन अवॉर्ड्स के लिए देखा जाता है उस वक्त ऐसा नहीं था. पहले एकेडमी अवार्ड्स के दौरान मीडिया नदारद था.
ऑस्कर की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक कोई भी मोशन फिल्म जो अमेरिका के 6 मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों लॉस एंजिल्स, न्यूयॉर्क, शिकागो, इलिनोयस, मियामी, फ्लोरिडा और अटलांटा, जॉर्जिया, में से कम से कम एक जगह कमर्शियल सिनेमागरों में दिखाई गई हो
फिल्म 40 मिनट से ज्यादा बड़ी होनी चाहिए. फिल्म उस साल की 1 जनवरी से 31 दिसंबर के बीच में शोकेस की गई हो और फिल्म एक ही थियेटर में कम से कम लगातार 7 दिनों तक चली हो.
अकेडमी अवार्ड ऑफ़ मेरिट को ही पॉपुलरतौर ऑस्कर अवॉर्ड के तौर पर जाना जाता है. इस ट्रॉफी की बात करें तो तांबे की धातु से बनी इस मूर्ति पर सोने की परत चढ़ी होती है. ऑस्कर ट्रॉफी 13.5 इंच (34 सेमी) लंबी होती है वहीं इसका वजन 8.5 पाउंड (3.85 किलो) होता है. डिजायन की बात करें तो ट्राफी में एक योद्धा की आकृति दिकती है जिसे आर्ट डेको में बनाया गया है. ये योद्धा तलवार लेकर पांच तिल्लियों वाली एक फिल्म रील पर खड़ा है. पांच तिल्लियां एकेडमी की मुख्य शाखाओं एक्टर, डायरेक्टर, राइटर, प्रोड्यूसर और टेक्नीशियन्स का प्रतिनिधित्व करती है.
आपको मालूम हो कि ऑस्कर अवॉर्ड विजेता को ये ट्रॉफी ही मिलती है. किसी भी तरह का कैश प्राइज नहीं दिया जाता है लेकिन अवॉर्ड जीतने वाले की मार्केट वैल्यू बढ़ जाती है यानि वो अपने काम के लिए कितनी भी कीमत मांग सकता है. वहीं एक और बात ध्यान देने वाली है कि ऑस्कर विजेता को ट्रॉफी पर मालिकाना हक नहीं मिलता है. विजेता किसी भी हालात में ट्रॉफी को कहीं और बेच नहीं सकता.
अगर कोई विजेता इस ट्रॉफी को बेचना चाहता है तो उसे इसे एकेडमी को ही बेचना होगा. जो इस ट्राफी को मात्र 1 डॉलर में खरीद सकती है