KNEWS DESK – बॉलीवुड की धाकड़ एक्ट्रेस कंगना रनौत की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘इमरजेंसी’ लगातार विवादों में घिरती जा रही है। जब से फिल्म का ट्रेलर रिलीज़ हुआ है, तब से ही इसकी रिलीज़ पर बैन लगाने की मांग उठ रही है। अब एक नया मोड़ तब आया जब कंगना ने खुद खुलासा किया कि उनकी फिल्म को अभी तक सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) से मंजूरी नहीं मिली है।
फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर विवाद
कंगना की यह फिल्म 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल (इमरजेंसी) पर आधारित है। फिल्म में कंगना खुद इंदिरा गांधी की भूमिका निभा रही हैं। इस विषय के कारण फिल्म पहले से ही विवादों में रही है, और अब CBFC से मंजूरी न मिलने का मुद्दा भी जुड़ गया है।
CBFC से मंजूरी का इंतजार
IANS को दिए एक इंटरव्यू में कंगना ने कहा, “मेरी फिल्म सेंसर से पास हो गई थी और जिस दिन हमें सर्टिफिकेट मिलने वाला था, उस दिन बहुत से लोगों ने खूब ड्रामा किया। सेंसर के साथ भी बहुत सारे मुद्दे हैं। इसलिए मुझे उम्मीद है कि यह रिलीज हो जाएगी।” कंगना ने बताया कि उन्हें विश्वास था कि सर्टिफिकेट मिल जाएगा, लेकिन अब तक उन्हें उनका सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है।
कंगना का कोर्ट जाने का इरादा
कंगना ने साफ किया है कि अगर उनकी फिल्म को रिलीज़ से पहले CBFC से सर्टिफिकेट नहीं मिला, तो वह इस मामले को अदालत में ले जाएंगी। उन्होंने कहा, “बहुत देर हो चुकी है। मुझे उम्मीद है कि फिल्म समय पर आएगी। मैं इसके लिए लड़ने के लिए तैयार हूं। मैं अपनी फिल्म को बचाने के लिए अदालत तक जाऊंगी। मैं अपना अधिकार बचाने के लिए लड़ूंगी। आप इतिहास को नहीं बदल सकते और हमें धमकियों से डरा नहीं सकते।”
इतिहास दिखाने का अधिकार
कंगना ने इस बात पर जोर दिया कि इतिहास को दिखाना जरूरी है। उन्होंने कहा, “हमें इतिहास दिखाना होगा। लगभग 70 वर्षीय महिला को उनके घर में 30-35 बार गोली मारी गई। अब आप इसे दिखाना चाहते हैं क्योंकि जाहिर है आपको लगता है कि आप किसी को चोट पहुंचा सकते हैं लेकिन आपको इतिहास दिखाना होगा। उनकी मौत कैसे हुई?”
कंगना की यह टिप्पणी फिल्म के विवादास्पद विषय पर आई है, जिसमें इमरजेंसी के दौरान हुई घटनाओं को दिखाया गया है। यह देखना बाकी है कि फिल्म को CBFC से मंजूरी मिलती है या नहीं, और अगर नहीं मिली तो कंगना इसे अदालत तक ले जाने के लिए कितनी तैयार हैं।