KNEWS DESK – बॉलीवुड में इम्तियाज अली को फ़िल्में बनाते काफी समय हो गया है| उनकी फ़िल्में फैन्स को काफी पसंद आती हैं| डायरेक्टर का फिल्म मेकिंग स्टाइल थोड़ा अलग है| हाल ही में एक इंटरव्यू में इम्तियाज अली ने बताया कि बचपन में कैसे उन्होंने गीता पढ़ी और इसके बाद से उनकी थॉट प्रॉसेस में क्या बदलाव आया|
इम्तियाज अली ने इंटरव्यू में बताया
इम्तियाज अली ने बताया कि मैंने बहुत छोटे में ही हिन्दू मैथोलॉजिकल किताबें पढ़ ली थीं और इसका मेरी लाइफ में काफी असर भी पड़ा| मैं इसे बिना पढ़े नहीं रह पाया| मुझे इसके मायने समझ में आने लगे| भगवत गीता मेरी लाइफ में एक महत्वपूर्ण किताब है| ये वो बुक है जिसे आप आज भी मेरी टेबल पर पाएंगे| मैं छठी क्लास में ट्रेन से सफर कर रहा था और मेरी जेब में ज्यादा पैसे नहीं थे और इत्तेफाक ये हुआ कि गीता हो वो किताब रेलवे स्टेशन के उस स्टॉल में थी जो मैं अफोर्ड कर सकता था|मुझे ऐसा भी लगा कि मेरे आस-पास जो लोग हैं उन्हें सोचकर अजीब लग रहा होगा कि मैं गीता क्यों पढ़ रहा हूं|
डायरेक्टर ने बताया कि मुझे ये किताब पढ़ने के दौरान कुछ ऐसी चीजें थीं जिन्हें 10-12 बार पढ़ना पड़ा| लेकिन मुझे समझ आ गया इसके बाद मैं हर दिन कुछ पेज पढ़ता था| और अब तो ये किताब मैं गहराई से जानता हूं| मैं लकी हूं कि मैंने ये किताब बचपन में ही पढ़ ली|
इम्तियाज ने आगे कहा कि गीता को पढ़कर मुझे लोगों को समझने में और मदद मिली| इसके आलावा मैंने और भी धार्मिक किताब पढ़ी वो भी कभी इंटरेस्टिंग थीं और मुझे मनोरंजक लगीं|
यह भी पढ़ें – ग्लैम अवतार में नजर आईं शरवरी बाघ, एक्ट्रेस की कातिलाना अदाओं पर फिदा हुए फैंस