KNEWS DESK – कॉमेडियन कपिल शर्मा का कनाडा स्थित ‘कैप्स कैफे’ पिछले कुछ महीनों से लगातार सुर्खियों में है। कैफे खुलते ही जिस तरह ताबड़तोड़ फायरिंग की घटनाओं ने सभी को चौंकाया, उसने इंटरनेशनल गैंगवार और एक्सटॉर्शन रैकेट की गहरी साजिशों को उजागर कर दिया। अब जांच एजेंसियों ने इस हाई-प्रोफाइल हमले के पीछे मौजूद गैंग और शूटर्स की पहचान कर ली है, जिसके बाद पूरे मामले की परतें तेजी से खुल रही हैं।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग के दो शूटर और एक इंटरनेशनल मास्टरमाइंड पर शिकंजा
जांच एजेंसियों के अनुसार, पंजाबी मूल के दो शूटर—शैरी और दिलजोत रेहल—कैफे पर हुई तीनों फायरिंग घटनाओं के सीधे आरोपी हैं। इसके साथ ही सीपू नामक एक इंटरनेशनल मास्टरमाइंड का नाम भी सामने आया है, जिसने पूरी घटना को दूर बैठकर संचालित किया। तीनों कनाडा में एक्टिव हैं और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सक्रिय सदस्य बताए जा रहे हैं। जांच में सामने आया है कि ये लोग अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे और लंबे समय से गैंगस्टर नेटवर्क के संपर्क में थे।
तीन अलग-अलग मौकों पर हुई ताबड़तोड़ फायरिंग
कपिल शर्मा के ‘कैप्स कैफे’ पर इस साल 10 जुलाई, 7 अगस्त और 16 अक्टूबर—इन तीन तारीखों पर फायरिंग की गई। हर घटना को बेहद प्लानिंग के साथ अंजाम दिया गया। सीपू को इस हमले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है, जबकि शैरी और दिलजोत ने मौके पर फायरिंग को अंजाम दिया। जांच में इन सबकी तस्वीरें और लोकेशन डिटेल्स भी सामने आई हैं।
इस मामले में पहली गिरफ्तारी बंधु मान सिंह की हुई, जिसे लुधियाना से अरेस्ट किया गया। वह पूरे इंटरनेशनल नेटवर्क की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुआ है। सूत्रों के अनुसार, बंधु मान सिंह कनाडा में रहते हुए लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए हथियारों की सप्लाई करता था। उसका संपर्क लॉरेंस के करीबी गोल्डी ढिल्लों और पाकिस्तानी डॉन हैरी चट्टा से भी था। हैरी चट्टा पर ISI से संबंध और भारत में ड्रोन के जरिए हथियार गिराने के आरोप पहले भी लग चुके हैं।
हथियार सप्लाई से लेकर हमले की प्लानिंग तक की पुष्टि
जांच में यह भी पता चला है कि कैफे पर इस्तेमाल हुए सभी हथियारों की व्यवस्था बंधु मान सिंह ने ही की थी। उसने यह कदम गैंगस्टर सोनू उर्फ राजेश खत्री के कहने पर उठाया था। आरोपी शूटर दलजोत और गुरजोत, दोनों सोनू खत्री के चचेरे भाई हैं। गोल्डी ढिल्लों के इशारे पर सोनू ने अपने भाइयों से फायरिंग करवाई थी। गौरतलब है कि बंधु मान सिंह 23 अगस्त को कनाडा से भारत लौटा था, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने उसे लुधियाना में दबोच लिया।